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अनचाहे व्यावसायिक कॉल नहीं रोकने पर दूरसंचार कंपनियों पर जुर्माना

मुख्य न्यायमूर्ति डी. एन. पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने इस मामले में कार्रवाई करने के लिए आठ हफ्ते का वक्त दिया था. साथ ही इसमें विफल रहने पर दंडात्मक कार्रवाई करने के प्रति चेतावनी भी दी थी.

Updated on: 25 Nov 2020, 11:45 AM

नई दिल्ली:

भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI-Telecom Regulatory Authority Of India) ने दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) से कहा कि अनचाहे व्यावसायिक कॉल पर रोक नहीं लगाने को लेकर उसने बीएसएनएल (BSNL), रिलायंस जियो (Reliance Jio), एयरटेल (Airtel) और वोडाफोन (Vodafone) जैसी कंपनियों पर अप्रैल -जून 2020 में 34,000 से 30 करोड़ रुपये तक का अर्थ दंड लगाया है.

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बीएसएनएल पर 30 करोड़ रुपये का अर्थदंड लगाया गया
मुख्य न्यायमूर्ति डी. एन. पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने इस मामले में कार्रवाई करने के लिए आठ हफ्ते का वक्त दिया था. साथ ही इसमें विफल रहने पर दंडात्मक कार्रवाई करने के प्रति चेतावनी भी दी थी. अदालत के ये निर्देश वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान आए थे. पेटीएम का परिचालन करने वाली इस कंपनी ने दूरसंचार कंपनियों पर उनके नेटवर्क पर फिशिंग की गतिविधियों को नहीं रोकने का आरोप लगाया था. ट्राई ने कहा कि अप्रैल, मई और जून में अनचाहे व्यावसायिक कॉल पर रोक लगाने में विफल रहने पर सार्वजनिक क्षेत्र की भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) पर 30 करोड़ रुपये का अर्थदंड लगाया गया.

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इसके अलावा प्रक्रिया संहिता का पालन नहीं करने के लिए उस पर 10 लाख रुपये का अतिरिक्त जुर्माना लगाया गया. इसी तरह एयरटेल, वोडाफोन, क्वाडरैंट टेलीवेंचर्स और रिलायंस जियो पर क्रमश: 1.33 करोड़ रुपये, 1.82 करोड़ रुपये, 1.41 करोड़ रुपये और 14.99 लाख रुपये का आर्थिक दंड लगाया गया. इसके अलावा महानगर टेलीकॉम निगम लिमिटेड पर 1.73 लाख रुपये, टाटा टेलीसर्विसेस लिमिटेड पर 15.01 लाख रुपये और वी-कॉन मोबाइल एंड इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड पर 34,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है. ट्राई ने कहा कि इस संबंध में 23 नवंबर को आदेश पारित किया गया. कंपनियों को यह जुर्माना आदेश जकी तारीख से 20 दिन के भीतर जमा करना है.