टेलीकॉम कंपनियों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, AGR पर फिर नहीं मिली राहत

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि टेलीकॉम कंपनी पिछले साल सितंबर में दिए आदेश का पालन करे. कोर्ट ने तब इन कंपनियों को पूरी देनदारी चुकाने के लिए 10 साल का समय दिया था. इसके बाद कंपनियों ने AGR की गणना में कमी बताते हुए दोबारा आकलन की मांग की थी.

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Dhirendra Kumar
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सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)( Photo Credit : NewsNation)

करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपये के एडजेस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) की देनदारी में राहत मांग रही टेलीकॉम कंपनियों की याचिका को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने खारिज कर दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि टेलीकॉम कंपनी पिछले साल सितंबर में दिए आदेश का पालन करे. कोर्ट ने तब इन कंपनियों को पूरी देनदारी चुकाने के लिए 10 साल का समय दिया था. इसके बाद कंपनियों ने AGR की गणना में कमी बताते हुए दोबारा आकलन की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट ने आज हुई सुनवाई में AGR बकाए के दोबारा आकलन (Recomputation) की याचिका को खारिज कर दिया है.

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करीब डेढ़ लाख करोड़ की AGR देनदारी चुकाने के लिए दिया था 10 साल का समय

बता दें कि पिछले साल सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) की बकाया रकम मामले पर टेलीकॉम कंपनियों को बड़ी राहत दी थी. जस्टिस अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Epidemic) की वजह से टेलीकॉम कंपनियों को करीब डेढ़ लाख करोड़ की AGR देनदारी चुकाने के लिए 10 साल का समय दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने उस समय कहा था कि कुल देनदारी का 10 फीसदी हिस्सा अगले साल यानी 2021 में 31 मार्च तक चुकाना होगा. 2021 से 2031 तक सालाना किश्तों में AGR का भुगतान होगा. कोर्ट ने यह भी कहा था कि सालाना भुगतान न देने की स्थिति में ब्याज चुकाना होगा, अदालत की अवमानना की कार्रवाई हो सकती है. टेलीकॉम कंपनियों के एमडी और चैयरमैन को कोर्ट के आदेश के अमल को लेकर अंडरटेकिंग देनी होगी.

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पिछले साल कोर्ट ने कहा था कि टेलीकॉम कंपनियां अगर 10 साल में भुगतान करने पर डिफॉल्ट करती हैं तो कंपनियों को ब्याज के साथ जुर्माना देना होगा. जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर और एमआर शाह की बेंच ने कहा था कि एजीआर भुगतान की टाइमलाइन 1 अप्रैल 2021 से शुरू हो जाएगी और इसका पूरा भुगतान 31 मार्च 2031 तक होना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि AGR के बकाया रकम का रीवैल्यूएशन नहीं किया जा सकता है. बता दें कि रीवैल्यूएशन के ऊपर कोर्ट की टिप्पणी के बावजूद टेलीकॉम कंपनियों ने Recomputation की याचिका दाखिल की थी.

HIGHLIGHTS

  • सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों से पिछले साल सितंबर में दिए आदेश का पालन करने को कहा
  • सुप्रीम कोर्ट ने तब इन कंपनियों को पूरी देनदारी चुकाने के लिए 10 साल का समय दिया था
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