एनसीएलएटी (NCLT) ने रिलायंस जियो (Reliance Jio) के खिलाफ आयकर विभाग की याचिका को खारिज किया

आयकर विभाग (Income Tax Department) ने इस बारे में राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की ओर से दी गई मंजूरी पर आपत्ति जताई थी.

author-image
Dhirendra Kumar
New Update
एनसीएलएटी (NCLT) ने रिलायंस जियो (Reliance Jio) के खिलाफ आयकर विभाग की याचिका को खारिज किया

NCLT ने रिलायंस जियो के खिलाफ आयकर विभाग की याचिका को खारिज किया( Photo Credit : फाइल फोटो)

राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने रिलायंस जियो (Reliance Jio) इन्फोकॉम की अपने फाइबर (Fibre) और टावर कारोबार को दो अलग इकाइयों में बांटने की योजना को चुनौती देने वाली आयकर विभाग की याचिका को खारिज कर दिया है. आयकर विभाग (Income Tax Department) ने इस बारे में राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की ओर से दी गई मंजूरी पर आपत्ति जताई थी.

Advertisment

यह भी पढ़ें: म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) कंपनियों के लिए शानदार रहा 2019, AUM 4 लाख करोड़ रुपये बढ़ा

एनसीएलटी की अहमदाबाद पीठ ने इससे पहले इसी साल एक कंपोजिट व्यवस्था को मंजूरी दी थी जिसके तहत दो कंपनियों जियो डिजिटल फाइबर प्राइवेट लि. (Jio Digital Fibre Ltd) और रिलायंस जियो इन्फ्राटेल प्राइवेट लि. (Reliance Jio Infratel Private Ltd) में अलग-अलग किया जाना है. आयकर विभाग ने इसका विरोध करते हुए एनसीएलएटी में याचिका दायर की थी. आयकर विभाग की दलील थी कि इस व्यवस्था के तहत स्थानांतरण करने वाली कंपनी रिलायंस जियो इन्फोकॉम अपने विमोच्य तरजीही शेयरों को ऋण में बदलना चाहती है.

यह भी पढ़ें: तुर्की के ताज़ा फैसले से प्याज की कीमतों में फिर लग सकती है आग

आयकर विभाग ने कहा कि इक्विटी को ऋण में बदलना कंपनी कानून के सिद्धान्तों के खिलाफ है और इससे कंपनी का मुनाफा भी घट जाएगा जिससे विभाग को राजस्व का भारी नुकसान होगा. हालांकि, एनसीएलएटी ने आयकर विभाग की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि सिर्फ इस आधार पर कि इससे कंपनी की कर देनदारी घटेगी, उसकी इस योजना की वैधता को चुनौती नहीं दी जा सकती. एनसीएलएटी ने कहा कि एनसीएलटी पहले ही इस मामले पर गौर कर चुका है.

Source : Bhasha

Jio Infratel Jio Digital Fibre NCLT Income Tax Department Reliance Jio
      
Advertisment