सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद भारती एयरटेल ने चुकाया 10,000 करोड़ रुपये AGR का बकाया

भारती एयरटेल ने कहा कि हम शीघ्रता के साथ स्वआकलन की प्रक्रिया में हैं और उच्चतम न्यायालय की अगली सुनवाई से पहले हम इस प्रक्रिया को पूरा करके बचे बकाया का भी भुगतान करेंगे.

भारती एयरटेल ने कहा कि हम शीघ्रता के साथ स्वआकलन की प्रक्रिया में हैं और उच्चतम न्यायालय की अगली सुनवाई से पहले हम इस प्रक्रिया को पूरा करके बचे बकाया का भी भुगतान करेंगे.

author-image
Dhirendra Kumar
एडिट
New Update
सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद भारती एयरटेल ने चुकाया 10,000 करोड़ रुपये AGR का बकाया

भारती एयरटेल (Bharti Airtel)( Photo Credit : फाइल फोटो)

समायोजित सकल आय (AGR) मामले में उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) की फटकार और सरकार के समयसीमा में ढील ना देने के बाद भारती एयरटेल (Bharti Airtel) ने सोमवार को दूरसंचार विभाग को 10,000 करोड़ रुपये के सांविधिक बकाये का भुगतान कर दिया. कंपनी ने एक बयान में कहा कि वह बाकी की राशि का भुगतान भी स्वआकलन के बाद कर देगी.

Advertisment

यह भी पढ़ें: इक्विटी म्यूचुअल फंड में पैसा लगाने से पीछे हट रहे हैं आम निवेशक, जानें क्यों

बयान में कहा गया है कि भारती एयरटेल, भारती हेक्साकॉम और टेलीनॉर की तरफ से कुल 10,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है. कंपनी ने कहा कि हम शीघ्रता के साथ स्वआकलन की प्रक्रिया में हैं और उच्चतम न्यायालय की अगली सुनवाई से पहले हम इस प्रक्रिया को पूरा करके बचे बकाया का भी भुगतान करेंगे. एयरटेल ने कहा कि बचे हुए बकाया का भुगतान करने के वक्त वह इससे जुड़ी और जानकारी भी देगी.

यह भी पढ़ें: ग्लोबल मार्केट में चीनी में आई तेजी का फायदा उठाने के लिए भारत के पास सुनहरा मौका

उल्लेखनीय है कि एजीआर मामले में न्यायालय के कड़े रुख के बाद दूरसंचार विभाग ने 14 फरवरी से भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी दूरसंचार कंपनियों को जल्द से जल्द अपना पिछला सांविधिक बकाया चुकाने के आदेश जारी करने शुरू कर दिए. भारती एयरटेल को लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क समेत सरकार को कुल 35,586 करोड़ रुपये का सांविधिक बकाया देना है. एयरटेल ने विभाग के आदेश पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा था कि वह कुल बकाये में से 10,000 करोड़ रुपये का भुगतान 20 फरवरी तक और बाकी बची राशि 17 मार्च तक कर देगी.

Reliance Jio Vodafone Idea Bharti Airtel AGR Suprme Court
      
Advertisment