दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल को चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में 23,045 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ है. कंपनी समायोजित सकल आय (एजीआर) पर उच्चतम न्यायालय के आदेश का असर पड़ा है. इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में कंपनी की शुद्ध आय 119 करोड़ रुपये थी. हालांकि कंपनी का कहना है कि इन आंकड़ों की तुलना नहीं की जा सकती है, क्योंकि उसने एकाउंटिंग के लिये नई प्रणाली को अपनाया है. भारती एयरटेल ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि समीक्षावधि में उसकी एकीकृत आय 4.7 प्रतिशत बढ़कर 21,199 करोड़ रुपये रही.
कंपनी ने कहा कि शीर्ष अदालत के फैसले से उस पर वित्तीय दबाव बढ़ा है. बयान में कहा गया है, ‘‘कंपनी राहत मिलने को लेकर आशान्वित है. लेकिन ऐसा नहीं होने की स्थिति में कंपनी ने समीक्षावधि के लिए एजीआर की परिभाषा के अनुरूप स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क और न्यायालय के फैसले के आधार पर आकलित लाइसेंस शुल्क के लिए अलग से 28,450 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है.’’
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कंपनी ने कहा कि इसमें 6,164 करोड़ रुपये का मूलधन, 12,219 करोड़ रुपये का ब्याज, 3,760 करोड़ रुपये का जुर्माना और 6,307 करोड़ रुपये का जुर्माना राशि पर ब्याज शामिल है. उल्लेखनीय है कि पिछले महीने उच्चतम न्यायालय ने दूरसंचार कंपनियों की गैर-दूरसंचार सेवा से होने वाली आय को उनकी एकीकृत सकल आय में शामिल करने की सरकार की परिभाषा को मान्य करार दिया. इसके चलते भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया को सरकार को भारी मात्रा में बकाया चुकाने का दबाव बढ़ गया है.
HIGHLIGHTS
- एयरटेल का इस तिमाही में 45 23,045 करोड़ का नुकसान हुआ है
- भारत में मोबाइल सेवाओं से एयरटेल का राजस्व 30 10,811 करोड़ था
- सितंबर तिमाही में इसका सब्सक्राइबर बेस 279.43 मिलियन हो गया है
Source : Bhasha