logo-image

AGR Dues: भारती एयरटेल ने चुकाए 8,000 करोड़ रुपये, 10 हजार करोड़ का भुगतान पहले ही कर चुकी है कंपनी

AGR Dues: 17 फरवरी 2020 को एयरटेल (Bharti Airtel) ने 10 हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया था. कंपनी अब तक कुल 18,004 करोड़ रुपये एजीआर के तौर पर भुगतान कर चुकी है.

Updated on: 29 Feb 2020, 12:45 PM

नई दिल्ली:

AGR Dues: टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल (Bharti Airtel) ने समायोजित सकल राजस्व (Adjusted Gross Revenue-AGR) का अतिरिक्त बकाया 8,004 करोड़ रुपये का भुगतान दूरसंचार विभाग (Telecom Department) को कर दिया है. बता दें कि 17 फरवरी 2020 को एयरटेल ने 10 हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया था. कंपनी अब तक कुल 18,004 करोड़ रुपये एजीआर के तौर पर भुगतान कर चुकी है.

यह भी पढ़ें: मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के लिए कही ये बड़ी बात

सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों का लगाई थी फटकर

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों को एजीआर के बकाये के भुगतान को लेकर कड़ी फटकार लगाई थी. उसी फटकार के बाद टेलीकॉम कंपनियां हरकत में आई थीं और उसी के बाद एयरटेल ने इस पैसे का भुगतान किया है. समाचार एजेंसी ANI द्वारा ट्वीट के जरिए यह जानकारी दी गई है.

यह भी पढ़ें: Alert! रोजमर्रा की कई चीजें हो सकती हैं महंगी, आम आदमी पर पड़ेगा बड़ा असर

AGR भुगतान की शर्तें आसान करने की मांग

बता दें कि दूरसंचार उद्योग (Telecom Industry) के संगठन सेल्युलर आपरेटर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (Cellular Operators Association of India-COAI) ने केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार से दूरसंचार कंपनियों पर सांविधिक बकाये के भुगतान की शर्तों को आसान करने को कहा है. सीओएआई ने कहा कि संकट में फंसे क्षेत्र को उबारने के लिए जरूरी है कि सरकार समायोजित सकल राजस्व (AGR) की देनदारियों को चुकाने को दूरसंचार कंपनियों को निचली दर पर कर्ज उपलब्ध कराए. इसके अलावा न्यूनतम कीमतों का क्रियान्वयन भी तेजी से किया जाए। दूरसंचार उद्योग इस समय गहरे संकट में फंसा है.

यह भी पढ़ें: 7th Pay Commission: पंजाब के लाखों कर्मचारियों को सरकार ने दिया होली गिफ्ट, महंगाई भत्ता 6 फीसदी बढ़ाया

वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर समायोजित सकल राजस्व (AGR) बकाया राशि का भुगतान करने में मदद मांगी है. यही पत्र नीति आयोग और वित्तमंत्री (Finance Minister) को भी लिखा गया है, जिसमें भुगतान के लिए मदद मांगी गई है.