logo-image

AGR Case Hearing Today 10 Aug 2020: आज वोडाफोन-आइडिया और एयरटेल की किस्मत का हो सकता है फैसला, 2 बजे से होगी सुनवाई

AGR Case Hearing Today 10 Aug 2020: 20 जुलाई को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा लिया था. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों को बार-बार बकाया राशि की रकम पर सवाल उठाने को लेकर कड़ी फटकार लगाई थी.

Updated on: 10 Aug 2020, 12:33 PM

नई दिल्ली:

AGR Case Hearing Today 10 Aug 2020: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में आज (सोमवार) दोपहर 2 बजे से एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) मामले की सुनवाई होगी. बता दें कि टेलीकॉम कंपनियां लगातार मांग कर रही हैं कि AGR की बकाया रकम काफी ज्यादा है ऐसे में एकसाथ चुकाने से उनके बिजनेस पर नकारात्मक असर पड़ सकता है. 20 जुलाई को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा लिया था. बता दें कि पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों को बार-बार बकाया राशि की रकम पर सवाल उठाने को लेकर कड़ी फटकार लगाई थी.

यह भी पढ़ें: मार्केट में गिरावट को देखते हुए निवेशकों ने जून तिमाही में Mutual Fund में जमकर किया निवेश

आज एजीआर मामले में आ सकता है फैसला
कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों को समय देने की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. उच्चतम न्यायालनय आज एजीआर मामले पर अपना फैसला सुना सकता है. बता दें कि दूरसंचार विभाग (DoT) की ओर से टेलीकॉम कंपनियों से लिया जाने वाला एजीआर (AGR)यानी एडजस्ट ग्रॉस रेवेन्यू यूसेज और लाइसेंसिंग फीस है. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कंपनियों को बकाये के भुगतान के लिए उचित अवधि लेनी चाहिए. बकाये के भुगतान के लिए 20 साल काफी लंबा समय है यह उचित नहीं लगता है.

यह भी पढ़ें: दुनिया की सबसे बड़ी तेल कंपनी सऊदी अरामको की कमाई में भारी गिरावट 

बता दें कि पिछले साल अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों के मामले में केंद्र की एजीआर की परिभाषा को स्वीकार करते हुए इन टेलीकॉम कंपनियों को कुल 1.47 लाख करोड़ रुपये का भुगतान करने का आदेश जारी किया था. केंद्र सरकार ने इन दूरसंचार कंपनियों के लिए एजीआर बकाए के भुगतान को 20 साल में सालाना किस्तों में चुकाने का प्रस्ताव रखा था.

यह भी पढ़ें: Gold Price Today: सोने-चांदी में आज उठापटक की आशंका, देखें बेहतरीन ट्रेडिंग कॉल्स  

पिछली सुनवाई में एयरटेल और टाटा ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी थी कि AGR के बकाये को सिर्फ लाइसेंस फीस तक ही सीमित रखना चाहिए और इस बकाये में स्पेक्ट्रम यूसेज चार्ज नहीं जोड़ना चाहिए. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि टेलिकॉम कंपनियां ईमानदारी से अपना काम नहीं कर रही हैं. कोर्ट ने टेलिकॉम कंपनियों से सवाल पूछा कि उन्हें राहत क्यों दिया जाए, जो कि बकाये रकम का रिव्यू चाहती हैं.