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सुकन्‍या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) के इन नियमों में हो गया बदलाव

मोदी (Narendra Modi) सरकार ने बालिकाओं के लिए सुकन्‍या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) की शुरुआत की थी. सुकन्या स्‍कीम (scheme) का फायदा 2 बेटियों के लिए लिया जा सकता है.

Updated on: 17 Mar 2020, 03:22 PM

नई दिल्ली:

Sukanya Samriddhi Yojana: केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने बालिकाओं के लिए सुकन्‍या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) की शुरुआत की थी. सुकन्या स्‍कीम (scheme) का फायदा 2 बेटियों के लिए लिया जा सकता है. हालांकि अगर पहली बेटी के बाद दूसरी डिलीवरी के दौरान दो जुड़वा बेटियों का जन्‍म हुआ है तो नियम के तहत उन दोनों बेटियों को भी इस स्कीम का फायदा मिलेगा. इस तरह से तीन बेटियों को इस योजना का फायदा मिलेगा. इस स्कीम के जरिए टैक्स की बचत (Tax Saving) भी की जा सकती है. सरकार ने इस सुकन्या स्कीम में कुछ बदलाव भी किए हैं.

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डिफॉल्ट अकाउंट पर भी मिलेगा स्कीम पर मिलने वाला ब्याज

सुकन्‍या समृद्धि योजना 2018 (Sukanya Samriddhi Yojana 2018) के तहत न्‍यूनतम केवल 1000 रुपए जमा करके खाता खुलवाया जा सकता है. इसके बाद हर साल 250 रुपये जमा करना ही जरूरी है. पहले यह राशि 1000 रुपये थी, जिसे अब घटा कर 250 रुपये कर दिया गया है. वहीं इस खाते में अधिकतम एक साल में 1.5 लाख रुपये जमा किया जा सकता है. सरकार द्वारा 12 दिसंबर, 2019 को अधिसूचित नए नियम के अनुसार अगर एक वित्त वर्ष में 250 रुपये नहीं जमा किए गए तो उसे डिफॉल्ट अकाउंट माना जाएगा. सरकार द्वारा उस अकाउंट के ऊपर वही ब्याज मिलेगा जो की स्कीम के लिए तय किया गया होगा.

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परिपक्वता अवधि के पहले बंद कर सकते हैं अकाउंट

नए नियमों के तहत अब सुकन्या अकाउंट को परिपक्वता अवधि के पहले बंद किया जा सकता है. नियम के अनुसार बच्ची की मौत या सहानुभूति के आधार पर अकाउंट को बंद कर सकते हैं. यहां सहानुभूति से मतलब है कि खाताधारक को कोई जानलेवा बीमारी हो गई हो या फिर अभिभावक की मृत्यु हो गई है.

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18 साल की होने पर मिलेगा अकाउंट संचालन का अधिकार

नए नियम के तहत अब 18 साल की होने के बाद ही बेटी अपने अकाउंट का संचालन कर सकती है. पुराने नियम के तहत अकाउंट के संचालने के लिए बेटी की आयु 10 वर्ष थी. 18 साल की होने पर अभिभावक को संबंधित डॉक्यूमेंट पोस्टऑफिस में जमा करना जरूरी होगा. नए नियम के तहत तीसरी बेटी के नाम अकाउंट खोलने के लिए जन्म प्रमाण पत्र के साथ ही एक हलफनामा देना भी जरूरी है. पूर्व के नियम में सिर्फ मेडिकल सर्टिफिकेट देना पड़ता था.