इन टिप्स को अपनाकर बचाएं TAX, शुरू में ही कर लें प्लानिंग
जीवन बीमा पॉलिसी के लिए चुकाए जाने वाले प्रीमियम आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80सी के अंतर्गत टैक्स छूट के लिए पात्र होते हैं.
बेंगलुरू:
अधिकतर लोग टैक्स बचाने की जद्दोजहद में विभिन्न निवेश एवं बीमा उत्पादों में निवेश करते हैं, लेकिन उनको बाजार में उपलब्ध विकल्पों की पूरी जानकारी नहीं होती. योजनाबद्ध तरीके से टैक्स बचाना और अधिकतम रिटर्न कमाना एक मुश्किल काम हो सकता है. यहां टैक्स बचाने के लिए कुछ प्रमुख विकल्पों के बारे में बता रहे हैं. पॉलिसी बाजार में चीफ बिजनेस आफिसर (लाइफ इंश्योरेंश) संतोष अग्रवाल जो आपको समझदारी के साथ निवेश करने में भी मदद करेंगे.
जीवन बीमा
जीवन बीमा पॉलिसी के लिए चुकाए जाने वाले प्रीमियम आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80सी के अंतर्गत टैक्स छूट के लिए पात्र होते हैं. इस धारा के अंतर्गत अधिकतम छूट सीमा 1.5 लाख रुपये होती है और स्वयं के लिए खरीदी गई पॉलिसी के अलावा, आप अपने माता-पिता, जीवनसाथी और बच्चे की पॉलिसी के लिए चुकाए गए प्रीमियम पर भी टैक्स लाभ हासिल कर सकते हैं. एक पॉलिसीधारक की मृत्यु होने पर उसके आश्रितों या लाभार्थियों को मिलने वाली कुल सम एश्योर्ड राशि भी टैक्स मुक्त होती है.
और पढ़ें: Wedding Season: जल्द खरीद लें सोना, नहीं तो पड़ सकता है पछताना
टैक्स लाभ पाने के लिए 1 अप्रैल 2012 के पहले खरीदी गई पॉलिसियों का प्रीमियम, सम एश्योर्ड राशि का 20 फीसदी से अधिक नहीं हो सकता. वहीं, 1 अप्रैल 2012 के बाद खरीदी गई पॉलिसियों के लिए प्रीमियम राशि, सम एश्योर्ड का 10 फीसदी से अधिक नहीं हो सकती.
आपको यह जरूर पता होना चाहिए कि यह टैक्स लाभ सिर्फ व्यक्तिगत पॉलिसीधारक और हिंदु अविभाजित परिवारों (एचयूएफ) के लिए उपलब्ध है.
स्वास्थ्य बीमा
स्वयं के लिए बीमा सुरक्षा बरकरार रखते हुए टैक्स की बचत करने का एक अच्छा तरीका यह भी होगा कि स्वास्थ्य बीमा में निवेश करें. आयकर अधिनियिम 1961 की धारा 80डी के अनुसार स्वास्थ्य बीमा के लिए चुकाए गए प्रीमियम टैक्स छूट के लिए पात्र हैं. एक स्वास्थ्य बीमा प्लान में इन्डेमनिटी प्लान या फिक्स्ड बेनिफिट प्लान या दोनों ही शामिल हो सकते हैं.
इसके साथ ही आप टर्म इंश्योरेंस राइडर्स में निवेश करके भी टैक्स बचा सकते हैं, जैसे कि पार्शियल और परमानेंट डिसएबिलिटी राइडर, हॉस्पिटल कैश राइडर और एक्सिडेंटल डेथ राइडर.
ये भी देखें: पर्सनल लोन के लिए इंटरेस्ट रेट कैसे तय होती हैं, आपको जरूर जानना चाहिए
धारा 80डी के अंतर्गत एक व्यक्ति अधिकतम 75000 रुपये की टैक्स कटौती का दावा कर सकता है, जिसमें खुद के लिए और जीवन साथी और बच्चों के लिए खरीदे गए स्वास्थ्य बीमा के लिए 25,000 और माता-पिता के लिए खरीदे गए स्वास्थ्य बीमा के लिए 25,000 रुपये शामिल होंगे. अगर आपके माता-पिता वरिष्ठ नागरिक की श्रेणी में आते हैं तो आप 50,000 रुपये तक छूट का दावा कर सकते हैं.
यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान
यूलिप में निवेश करने से आपको आयकर अधिनियम की धारा 80सी और 10(10डी) के अंतर्गत टैक्स बचाने के लिए मदद मिल सकती है. एक यूलिप प्लान 15 से 20 वर्षों के लिए हो सकता है लेकिन इसकी शुरुआत में 5 वर्ष की लॉक-इन अवधि होती है.
धारा 80सी के अंतर्गत, यूलिप में किए गए निवेश को टैक्स छूट प्राप्त है और इसकी अधिकतम सीमा 1.5 लाख रुपये प्रति वर्ष होती है. इसके अलावा, इस पॉलिसी से बाहर निकलने पर (5 वर्ष के बाद अनुमति है) या परिपक्वता के वक्त इसकी फंड वैल्यू भी टैक्स मुक्त होती है. पॉलिसी के फंड विकल्पों में बदलाव करना भी टैक्स मुक्त है, चाहे आप कितने दिन भी पॉलिसी को जारी रखें.
पेंशन प्लान
पेंशन प्लान या रिटायरमेंट प्लान एक बेहतरीन निवेश उत्पाद हैं, जो आपको अपनी बचत का एक हिस्सा एक निश्चित अवधि तक जमा करने की सहूलियत देते हैं और फिर रिटायरमेंट के बाद नियमित आमदनी प्रदान करते हैं. जब आप पेंशन प्लान में लगातार निवेश का फैसला करते हैं, तो आपकी बचत पूंजी में चक्रवृद्धि प्रभाव के कारण कई गुना बढ़ोत्तरी होती है और अंत में आपको मिलती है एक बड़ी राशि. पेंशन प्लान को आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80सीसीसी के अंतर्गत टैक्स छूट की पात्रता हासिल है, जो लोगों को कुछ विशेष पेंशन फंड्स में पैसे जमा करने पर टैक्स छूट का दावा करने की अनुमति देते हैं.
और पढ़ें: क्रेडिट कार्ड का सोच-समझकर करें इस्तेमाल, कहीं लेने के देने ना पड़ जाएं
इस धारा के अंतर्गत एक वर्ष में अधिकतम 150000 रुपये तक टैक्स छूट मिलती है. लेकिन आपको यह जरूर पता होना चाहिए कि धारा 80सीसीसी के अंतर्गत प्रदान की गई छूट सीमा, धारा 80सी और धारा 80सीसीडी से जुड़ी होती है. मतलब, आपको मिलने वाली कुल पूरी टैक्स छूट सीमा 1,50,000 रुपये ही होगी.
चाइल्ड प्लान
अपने बच्चे के सुरक्षित भविष्य के लिए जल्द से जल्द निवेश करना समझदारी भरा कदम होता है. बाजार में मौजूद विभिन्न चाइल्ड प्लान्स में से किसी एक में आप अपने बच्चे के जन्म के 60 से 90 दिनों के भीतर निवेश शुरू कर सकते हैं. इससे आपको एक बड़ी पूंजी जमा करने में मदद मिलेगी, जो कि जीवन में आगे चलकर शायद संभव ना हो पाए. एक समझदार निवेशक के रूप में आप यूनिट लिंक्ड चाइल्ड प्लान में निवेश शुरू कर सकते हैं और फिर आगे चलकर पॉलिसी को जोखिम मुक्त करने के लिए परिपक्वता अवधि से पहले सुरक्षित फंड्स का चुनाव कर सकते हैं.
ये भी पढ़ें: SBI के 42 करोड़ कस्टमर पर पड़ेगा असर, 1 मई से बदल जाएंगे ये नियम
विभिन्न चाइल्ड प्लान के लिए चुकाए जाने वाले प्रीमियम आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80सी के तहत टैक्स छूट के लिए पात्र होते हैं. इस धारा के तहत आपको एक वर्ष में अधिकतम 1,50,000 रुपये तक टैक्स कटौती का दावा करने की सुविधा मिलेगी.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Pramanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज के इन विचारों से जीवन में आएगा बदलाव, मिलेगी कामयाबी
-
Shri Premanand ji Maharaj: मृत्यु से ठीक पहले इंसान के साथ क्या होता है? जानें प्रेमानंद जी महाराज से
-
Maa Laxmi Shubh Sanket: अगर आपको मिलते हैं ये 6 संकेत तो समझें मां लक्ष्मी का होने वाला है आगमन
-
May 2024 Vrat Tyohar List: मई में कब है अक्षय तृतीया और एकादशी? यहां देखें सभी व्रत-त्योहारों की पूरी लिस्ट