logo-image

रेग्युलर इनकम के लिए बेहतरीन ऑप्शन है सिस्टेमैटिक विद्ड्राल प्लान (Systematic Withdrawal Plan)

निवेशक अपने मौजूदा निवेश से SWP के जरिए रेग्युलर इनकम पा सकता है. निवेशक के द्वारा तय की गई समयसीमा पर पैसा उसके बैंक अकाउंट में क्रेडिट हो जाता है.

Updated on: 16 Apr 2020, 12:01 PM

नई दिल्ली:

Systematic Withdrawal Plan-SWP: सिस्टेमैटिक विद्ड्राल प्लान रेग्युलर इनकम के लिए बेहतरीन ऑप्शन है. जब कोई निवेशक सिस्टेमैटिक तरीके से पैसे को निवेश करता है तो उसे सिस्टेमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (Systematic Investment Plan) कहते हैं. ठीक उसी तरह आप अगर सिस्टेमैटिक तरीके से पैसे को निकालते हैं तो उसे सिस्टेमैटिक विद्ड्राल प्लान कहा जाता है. SWP के जरिए कोई भी निवेश मासिक, तिमाही, छमाही और सालाना आधार पर पैसे को निकाल सकता है.

यह भी पढ़ें: भारत का आर्थिक कीमत पर लॉकडाउन का फैसला बुद्धिमानी भरा कदम: IMF

निवेशक अपने मौजूदा निवेश से SWP के जरिए रेग्युलर इनकम पा सकता है. निवेशक के द्वारा तय की गई समयसीमा पर पैसा उसके बैंक अकाउंट में क्रेडिट हो जाता है. SWP के जरिए नियमित अंतराल पर भी पैसा निकाला जा सकता है. म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) निवेशकों को नेट एसेट वैल्यू (NAV-Net Asset Value) की गणना के आधार पैसे निकालने की सुविधा प्रदान करता है. निवेशक निकाले गए पैसे का उपयोग अपनी मर्जी के मुताबिक कर सकता है. बता दें कि SWP के जरिए हासिल किया गया पैसा यूनिट्स की बिक्री पर मिलता है. वहीं फंड में पैसा खत्म होने की स्थिति में SWP के जरिए मिलने वाला पैसा बंद हो जाएगा.

यह भी पढ़ें: Covid-19: हेल्थ इंश्योरेंस और थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस प्रीमियम जमा करने का समय बढ़ा

SWP का क्या है फायदा
SWP के जरिए निवेशकों को काफी फायदा होता है. निवेशक अपनी जरूरत के हिसाब से राशि का चुनाव कर सकता है. इसके अलावा मार्केट में निवेश होने की वजह से शानदार रिटर्न मिलने की भी संभावना रहती है. जानकार निवेशकों को उनकी सैलरी लिक्विड फंड में निवेश करने की सलाह देते हैं. दरअसल, लिक्विड फंड में निवेश होने से निवेशक कभी भी पैसा निकाल सकते हैं और उस पर निवेशकों को रिटर्न भी मिलता है. निवेशक द्वारा EMI के लिए भी SWP का उपयोग किया जा सकता है.