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सिर्फ 1 हफ्ते बचा है SBI का नया नियम लागू होने में, करोड़ों ग्राहकों पर पड़ेगा असर

1 मई से SBI के ग्राहकों के बचत खाते पर मिलने वाले ब्याज में बदलाव हो जाएगा. SBI ने अपनी डिपॉजिट और कर्ज की ब्याज दरों को रिजर्व बैंक (RBI) की बेंचमार्क दर से जोड़ दिया है. इन नियमों का SBI के 42 करोड़ कस्टमर पर असर पड़ेगा.

Updated on: 24 Apr 2019, 07:44 AM

नई दिल्ली:

भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के नए नियम लागू होने में सिर्फ 1 हफ्ते का समय बचा है. ऐसे में आपके लिए यह जानना जरूरी है कि वो नए नियम क्या हैं और आपकी जिंदगी पर उन नियमों का क्या असर पड़ेगा. गौरतलब है कि 1 मई से SBI के ग्राहकों के बचत खाते पर मिलने वाले ब्याज में बदलाव हो जाएगा. बता दें कि SBI ने अपनी डिपॉजिट और कर्ज की ब्याज दरों को रिजर्व बैंक (RBI) की बेंचमार्क दर से जोड़ दिया है. नए फैसले के तहत SBI ने 1 लाख रुपये से अधिक के जमाओं और कर्ज की ब्याज दरों को रेपो रेट से जोड़ा है. इसका मतलब यह हुआ कि रेपो रेट में बदलाव होने की स्थिति में बैंक की जमा दरों पर भी इसका असर पड़ेगा. नए नियम के मुताबिक SBI ने मई के लिए बचत खाते के जमा दरों में बदलाव कर दिया है.

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1 मई से क्या होगा बदलाव
1 मई से 1 लाख रुपये तक के बैलेंस पर 3.5 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा. वहीं 1 लाख रुपये से ज्यादा के बैंलेस पर ब्याज की दर 3.25 फीसदी होगी. नई दरें 1 मई 2019 से मान्य होगी. 1 लाख रुपये से ऊपर के सभी कैश क्रेडिट और ओवरड्राफ्ट अकाउंट को SBI ने रेपो रेट से लिंक कर दिया है. बता दें कि रिजर्व बैंक ने मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती की थी. SBI ने इसी का पालन करते हुए कटौती की है. SBI के मुताबिक एक लाख रुपये से कम के लोन और डिपॉजिट MCLR यानी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट से जुड़े रहेंगे. छोटे ग्राहकों को बाजार की उठापटक से बचाने के लिए ऐसा किया गया है. SBI का कहना है कि मई से एक लाख रुपये से ज्यादा के सभी बचत खाता जमाओं और छोटी अवधि के कर्ज RBI के बेंचमार्क रेपो रेट से जोड़े जाएंगे.

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