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पीपीएफ (PPF) के नियमों में बदलाव से निवेशकों की हुई चांदी, मिले ढेर सारे फायदे

पीपीएफ (PPF) के नए नियमों के मुताबिक अब निवेशक एक वित्त वर्ष में 50 रुपये के गुणक में कितनी बार भी रकम जमा कर सकता है, लेकिन जमा रकम 1.5 लाख रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए.

पीपीएफ (PPF) के नए नियमों के मुताबिक अब निवेशक एक वित्त वर्ष में 50 रुपये के गुणक में कितनी बार भी रकम जमा कर सकता है, लेकिन जमा रकम 1.5 लाख रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए.

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Dhirendra Kumar
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पीपीएफ (PPF) के नियमों में बदलाव से निवेशकों की हुई चांदी, मिले ढेर सारे फायदे

पीपीएफ अकाउंट (Public Provident Fund)( Photo Credit : फाइल फोटो)

केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) के अकाउंट होल्डर को फायदा पहुंचाने के मकसद से नए नियमों को अधिसूचित कर दिया है. नए नियमों के मुताबिक अब निवेशक एक वित्त वर्ष में 50 रुपये के गुणक में कितनी बार भी रकम जमा कर सकता है, लेकिन जमा रकम 1.5 लाख रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए. बता दें कि पहले के नियम में एक वित्त वर्ष में 12 बार पैसे को जमा किया जा सकता था. PPF की परिपक्वता अवधि 15 साल है और केंद्र सरकार हर तीन महीने में इसके ऊपर मिलने वाले ब्याज दर की समीक्षा करती है. मौजूदा समय में पीपीएफ पर 7.9 फीसदी का ब्याज मिल रहा है.

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विशेष परिस्थितियों में अकाउंट बंद करने की मिलती है अनुमति
पीपीएफ अकाउंट (Public Provident Fund) खोलने के 5 साल के बाद विशेष परिस्थितियों में सरकार की ओर से अकाउंट को बंद करने की अनुमति मिलती है. जीवनसाथी, आश्रित बच्चे या माता-पिता को किसी जानलेवा बीमारी के इलाज की वजह से अकाउंट को समय पूर्व बंद करने की अनुमति मिलती है. इसके अलावा बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए भी परिपक्वता अवधि से पहले अकाउंट को बंद किया जा सकता है. हालांकि दोनों ही स्थिति में उचित दस्तावेज जमा करना पड़ता है. वहीं इन दोनों ही स्थितियों के अलावा एक और स्थिति में अकाउंट को बंद किया जा सकता है. अगर कोई अकाउंट होल्ड दूसरे देश की नागरिकता हासिल कर रहा है तो इस स्थिति में भी अकाउंट को परिपक्वता अवधि से पहले बंद किया जा सकता है.

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पीपीएफ पर मिलने वाले लोन के लिए भी बदल गए नियम
नए नियमों के तहत कर्ज की रकम पर लगने वाली वाली ब्याज दर अब अकाउंट पर मिलने वाले ब्याज से एक फीसदी अधिक होगी. बता दें कि पहले यह आंकड़ा 2 फीसदी का था. अकाउंट होल्डर की मौत होने की स्थिति में कर्ज पर लगने वाले ब्याज का भुगतान नॉमिनी या कानूनी वारिस को करना जरूरी होगा.

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नए नियम के मुताबिक अब किसी भी गैर होम पोस्ट ऑफिस ब्रांच के जरिए पोस्ट ऑफिस सेविंग्स बैंक (POSB) अकाउंट में कितनी भी रकम का चेक जमा करने की अनुमति मिल गई है. पुराने नियम में यह सीमा 25 हजार रुपये थी. बता दें कि POSB/RD/PPF/SSY में क्रेडिट के लिए पीओएसबी चेक को किसी भी पोस्ट ऑफिस में स्वीकार किया जा सकता है.

Source : News Nation Bureau

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