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CBDT के प्रमख बतौर संगीता सिंह की जगह लेंगे अब नितिन गुप्ता

पूर्व सीबीडीटी प्रमुख जे बी महापात्रा के 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त होने के बाद सीबीडीटी प्रमुख का पद बोर्ड सदस्य और 1986 बैच की आईआरएस अधिकारी संगीता सिंह अतिरिक्त क्षमता में संभाल रही थीं.

Updated on: 27 Jun 2022, 05:41 PM

highlights

  • आईटी कैडर के 1986 बैच के आईआरएस अधिकारी हैं नितिन
  • कॉम्पटीशन कमीशन ऑफ इंडिया के महानिदेशक भी रहे हैं 

नई दिल्ली:

भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी नितिन गुप्ता को सीबीडीटी का नया चेयरमैन नियुक्त किया गया है. वह संगीता सिंह का स्थान लेंगे, जो यह पद अतिरिक्त क्षमता में संभाल रही थीं. जानकारी के मुताबिक नितिन गुप्ता इनकम टैक्स कैडर के 1986 बैच के आईआरएस अधिकारी हैं. वे फिलहाल बोर्ड में सदस्य (जांच) के रूप में कार्यरत हैं और अगले साल सितंबर में सेवानिवृत्त होने वाले हैं. इस संबंध में 25 जून को जारी आदेश में कहा गया, ‘मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने नितिन गुप्ता, आईआरएस (आईटी:86), केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के सदस्य को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के चेयरमेन रूप में नियुक्ति को मंजूरी दी है.’

अगले साल सेवानिवृत्त होंगे नितिन गुप्ता
गौरतलब है कि पूर्व सीबीडीटी प्रमुख जे बी महापात्रा के 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त होने के बाद सीबीडीटी प्रमुख का पद बोर्ड सदस्य और 1986 बैच की आईआरएस अधिकारी संगीता सिंह अतिरिक्त क्षमता में संभाल रही थीं. इससे पहले नितिन गुप्ता कॉम्पटीशन कमीशन ऑफ इंडिया के महानिदेशक भी रह चुके हैं. नितिन गुप्ता ने सीबीडीटी में मेंबर (इंवेस्टीगेशन) की जिम्मेदारी सितंबर 2021 में संभाली थी. वह आयकर कैडर के 1986 बैच के आईआरएस अधिकारी हैं और अगले साल सितंबर में सेवानिवृत्त होने वाले हैं.

क्या करता है सीबीडीटी
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड वित्त मंत्रालय में राजस्व विभाग का एक हिस्सा है. सीबीडीटी को राजस्व बोर्ड अधिनियम 1963 से अधिकार प्राप्त हैं. सीबीडीटी की अगुवाई चेयरमैन द्वारा की जाती है और इसमें छह सदस्य हो सकते हैं, जो विशेष सचिव स्तर के होते हैं. यह आयकर विभाग के लिए प्रशासनिक निकाय है. सीबीडीटी भारत में प्रत्यक्ष कर की नीतियों और योजनाओं के लिए आवश्यक इनपुट्स प्रदान करता है. यह आयकर विभाग के माध्यम से प्रत्यक्ष कर कानूनों के प्रशासन के लिए जिम्मेदार है. भारत में प्रत्यक्ष कर से संबंधित सभी मामले 1 जनवरी 1964 से केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड को सौंप दिए गए थे.