Advertisment

नए टैक्स सिस्टम में ELSS पर पड़ सकता है बड़ा असर, जानिए क्या

नए टैक्स सिस्टम के तहत टैक्स सेविंग उत्पादों में निवेश करने पर अब टैक्सपेयर्स को Exemption और Deduction का लाभ नहीं मिलने वाला है.

author-image
Dhirendra Kumar
New Update
नए टैक्स सिस्टम में ELSS पर पड़ सकता है बड़ा असर, जानिए क्या

इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (Equity Linked Saving Scheme-ELSS)( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

बजट में वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala sitaraman) ने नए टैक्स सिस्टम का ऐलान किया था. नए टैक्स सिस्टम के तहत टैक्स सेविंग उत्पादों में निवेश करने पर अब टैक्सपेयर्स को Exemption और Deduction का लाभ नहीं मिलने वाला है. ऐसे में म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) के तहत आने वाले इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (Equity Linked Saving Scheme-ELSS) में निवेशकों का रुझान घट सकता है.

यह भी पढ़ें: RBI की मौद्रिक नीति घोषणा से पहले सेंसेक्स में 100 अंक से अधिक की तेजी

नए टैक्स सिस्टम को अपनाने पर घट सकता है ELSS में निवेश
जानकारों के मुताबिक टैक्स कटने के बाद अधिक आय की चाहत रखने वाले आयकर दाता नए टैक्स सिस्टम को अपना सकते हैं. अगर आयकर दाता नए सिस्टम को अपनाते हैं तो वे ईएलएसएस में निवेश करना बंद कर सकते हैं. बता दें कि टैक्स की बचत के लिए निवेशक ELSS में अच्छा खासा पैसा निवेश करते थे, लेकिन अब उसमें गिरावट आने की आशंका बढ़ गई है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि निचले स्लैब में आने वाले लोगों को ज्यादा कैश की जरूरत है ऐसे में वे ELSS में निवेश करना बंद कर सकते हैं.

यह भी पढ़ें: RBI Credit Policy 2020: आज है क्रेडिट पॉलिसी, जानिए आपके जीवन पर क्या पड़ेगा असर

बता दें कि निवेशक अभी तक सेक्शन 80C के तहत ELSS, ULIP और पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) में निवेश करके 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट हासिल कर लेते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पीपीएफ, यूलिप और ईएलएसएस में लॉक इन होने की वजह से पिछले कई वर्षों में अच्छा निवेश देखने को मिला है. बता दें कि ELSS में अभी 3 साल का लॉक इन पीरिएड है.

यह भी पढ़ें: प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (PMKMY): हरियाणा ने मारी बाजी, सबसे ज्यादा हुए पंजीकरण

मिल सकता है शानदार रिटर्न
ELSS सिर्फ टैक्स बचाने का ही साधन नहीं है बल्कि इसमें निवेश करके अच्छा खासा रिटर्न भी हासिल किया जा सकता है. हालांकि टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड के फायदे होने के साथ-साथ कुछ दिक्कतें भी हैं. दरअसल सरकार ने टैक्स डिडक्शन बेनिफिट लेने के लिए एक शर्त लगाई है. इस शर्त के तहत ELSS में लगाए गए पैसे को आप 3 साल से पहले नहीं निकाल सकते यानि कि इसमें तीन साल का लॉक इन पीरिएड है.

SIP के जरिए निवेश करना बेहतर
SIP यानि Systematic Investment Plan. SIP का तरीका चुनने पर पैसा आपके खाते से हर महीने अपने आप कट जाता है. इससे आपको और म्यूचुअल फंड कंपनी दोनों को सुविधा रहती है. वहीं सभी म्यूचुअल फंड स्कीम के दो प्लान पहला रेग्युलर प्लान और डायरेक्ट प्लान होते हैं.

यह भी पढ़ें: Gold Rate Today 6 Feb 2020: क्या आज सस्ते होंगे सोना और चांदी, जानिए दिग्गज जानकारों का नजरिया

(Disclaimer: निवेशक निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की सलाह जरूर लें. न्यूज स्टेट की खबर को आधार मानकर निवेश करने पर हुए लाभ-हानि का न्यूज स्टेट से कोई लेना-देना नहीं होगा. निवेशक स्वयं के विवेक के आधार पर निवेश के फैसले लें)

nirmala-sitharaman ELSS Equity Linked Saving Scheme New Tax System Income Tax
Advertisment
Advertisment
Advertisment