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म्यूचुअल फंड उद्योग ने सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिये अक्टूबर महीने में 8,246 करोड़ रुपये एकत्रित किए हैं.

Updated on: 13 Nov 2019, 06:24 PM

नई दिल्ली:

म्यूचुअल फंड उद्योग ने सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिये अक्टूबर महीने में 8,246 करोड़ रुपये एकत्रित किए हैं. यह एक साल पहले की इसी अवधि की तुलना में 3.2 फीसदी अधिक है. शेयर बाजारों में तेजी के बीच सरकार की ओर से कई सुधारों से म्यूचुअल फंड उद्योग में एसआईपी (SIP) निवेश बढ़ा है.

एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (Amfi) के आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से अक्टूबर महीने की अवधि के दौरान एसआईपी के जरिये निवेश बढ़कर 57,607 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में 52,472 करोड़ रुपये रहा था. एम्फी ने कहा, खुदरा निवेशकों के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश को एसआईपी सबसे प्रमुख मार्ग बना हुआ है.

उन्होंने आगे कहा कि इससे बाजार जोखिमों को कम करने में मदद मिलती है. आंकड़ों की मानें तो अक्टूबर में एसआईपी से योगदान 8,246 करोड़ रुपये रहा, जो इससे पिछले साल के इसी महीने के 7,985 करोड़ रुपये की तुलना में 3.2 प्रतिशत अधिक है.

कुल 44 कंपनियां म्यूचुअल फंड उद्योग में काम कर रही हैं. इक्विटी फंड्स (Equity Funds) में निवेश के लिए ये कंपनियां मुख्य रूप से एसआईपी पर निर्भर करती हैं. हालांकि, पिछले महीने यानी सितंबर की तुलना में एसआईपी के जरिये निवेश घटा है. सितंबर में उद्योग ने एसआईपी से 8,263 करोड़ रुपये इक्ट्ठा किए थे. अगस्त में एसआईपी से निवेश 8,231 करोड़ रुपये, जुलाई में 8,324 करोड़ रुपये, जून में 8,122 करोड़ रुपये, मई में 8,183 करोड़ रुपये और अप्रैल में 8,238 करोड़ रहा था.

एसआईपी म्‍युचुअल फंड में निवेश का सबसे अच्‍छा तरीका है. इससे निवेश की अच्‍छी एवरेजिंग हो जाती है, जिससे निवेश में खतरा घट जाता है और अच्‍छे रिटर्न की संभावना बढ़ जाती है. म्‍यूचुअल फंड में एसआईपी शुरू करने के बाद जरूरी नहीं है कि आप तय समय तक ही निवेश करें. इस निवेश को आप जब चाहे रोक सकते हैं. ऐसा करने पर कोई पेनाल्‍टी नहीं लगती है.

एसआईपी के जरिए इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश लॉन्ग टर्म टारगेट को हासिल करने का सबसे अच्छा तरीका है. इक्विटी में दूसरी योजनाओं की अपेक्षा अधिक रिटर्न देने की क्षमता है. यह महंगाई को मात देने में भी मदद करता है, जोकि दूर के लक्ष्यों को पाने के लिए जरूरी है. साथ ही टैक्सेशन में भी सहायक है.