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म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश करने की है योजना, इन बातों का रखें खास ध्यान

Mutual Fund Investment: शेयर बाजार (Share Market) में गिरावट के दौरान म्यूचुअल फंड में निवेश जारी रखने से एवरेजिंग (Averaging) में मदद मिलती है.

Updated on: 07 Nov 2019, 10:00 AM

नई दिल्ली:

Mutual Fund Investment: अगर आप म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश (Investment) की योजना बना रहे हैं तो आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए. निवेश से पहले इन बातों को ध्यान में रखने पर भविष्य में होने वाले आर्थिक नुकसान से बचने में आप कामयाब हो जाएंगे. हमारी इस रिपोर्ट में उन्हीं गलतियों को पहचानने की कोशिश की गई है. आप इन गलतियों को समय रहते सुधार कर अपना पोर्टफोलियो शानदार बना सकते हैं.

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बाजार गिरने पर SIP बंद नहीं करने की सलाह
जानकारों का कहना है कि निवेश बंद करने से SIP का मकसद पूरा नहीं होता है. शेयर बाजार (Share Market) में गिरावट के दौरान निवेश जारी रखने से एवरेजिंग (Averaging) में मदद मिलती है. इसके अलावा बाजार की गिरावट पर ज्यादा यूनिट खरीदने का मौका भी मिलता है. जानकार कहते हैं कि शेयर बाजार की हालत सुधरने पर फायदा मिलता है. बाजार में हर दौर में SIP जारी रखना पहला लक्ष्य होना चाहिए.

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लक्ष्य के साथ SIP करने की कोशिश करें
वित्तीय लक्ष्य के साथ निवेश करना फायदेमंद होता है. जानकार कहते हैं कि लक्ष्य नहीं होने पर आधे-अधूरे तरीके से निवेश होता है जिससे भविष्य में दिक्कत हो सकती है. लक्ष्य नहीं होने पर भविष्य में फंड की कमी भी संभव है. निवेशकों को लक्ष्य प्राथमिकता के आधार पर तय करना चाहिए. साथ ही लक्ष्य हासिल करने के लिए समयसीमा भी सुनिश्चित करना चाहिए.

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मंथली निवेश को टुकड़ों में बांटें - Split Monthly Investment
निवेशकों को SIP के लिए अलग-अलग तारीख रखने की कोशिश करनी चाहिए. जानकारों का कहना है कि टुकड़ों में एसआईपी को बांटने से बैंक अकाउंट में कैश रहेगा. इसके अलावा अलग-अलग तारीख पर SIP से जोखिम भी कम रहता है. SIP में सालाना निवेश को बढ़ाना चाहिए. निवेशकों को आय बढ़ने के साथ ही निवेश की रकम भी बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए. अतिरिक्त सेविंग (Saving) को दूसरे मौजूदा SIP में लगाया जा सकता है.

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(Disclaimer: निवेशक निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की सलाह जरूर लें. न्यूज स्टेट की खबर को आधार मानकर निवेश करने पर हुए लाभ-हानि का न्यूज स्टेट से कोई लेना-देना नहीं होगा. निवेशक स्वयं के विवेक के आधार पर निवेश के फैसले लें)