logo-image

फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस (First Party Insurance) और थर्ड पार्टी इंश्योरेंस (Third Party Insurance) में क्या है अंतर, जानें हर बारीकी

वाहन बीमा (Motor Insurance) में थर्ड पार्टी इंश्योरेंस होता है लेकिन फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस के नाम पर किसी भी तरह का बीमा नहीं होता है. फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस के जैसा ही कांप्रिहेंसिव इंश्योरेंस (Comprehensive Insurance) जरूर होता है.

Updated on: 28 Nov 2019, 10:21 AM

नई दिल्ली:

वाहन बीमा (Motor Insurance): फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस (First Party Insurance) और थर्ड पार्टी इंश्योरेंस (Third Party Insurance) में क्या अंतर है इसको लेकर लोगों के मन में काफी सवाल उठते रहते हैं. इस रिपोर्ट में हमने उन्हीं उलझनों को दूर करने का प्रयास किया है. फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस और थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के बीच अंतर बताने से पहले आपको बता दें कि वाहन बीमा (Motor Insurance) में थर्ड पार्टी इंश्योरेंस होता है लेकिन फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस के नाम पर किसी भी तरह का बीमा नहीं होता है. फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस के जैसा ही कांप्रिहेंसिव इंश्योरेंस (Comprehensive Insurance) जरूर होता है.

यह भी पढ़ें: किसानों के लिए खुशखबरी, 1 हेक्टेयर में 1,400 क्विंटल टमाटर की पैदावार

फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस और थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के बीच अंतर
बता दें कि कांप्रिहेंसिव इंश्योरेंस के अंतर्गत गाड़ी के नुकसान के लिए जो कवर (Insurance Cover) मिलता है वह फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस जैसा ही लगभग होता है. इसके जरिए वाहन को पूरी तरह से बीमा की सुरक्षा मिलती है. इसके अलावा सुरक्षा को मजबूती देने के लिए अन्य कवर भी मिलता है. दरअसल, गाड़ी के लिए इंश्योरेंस लेते समय थर्ड पार्टी इंश्योरेंस और फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस के बीच अंतर को समझने के बजाए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस और Comprehensive Insurance के अंतर को समझना ज्यादा जरूरी है.

यह भी पढ़ें: Rupee Open Today 28 Nov: डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत, 3 पैसे बढ़कर खुला भाव

इन मुख्य बिंदुओं से समझ सकते हैं अंतर
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस (Third Party Insurance) के अंतर्गत आपके वाहन से किसी अन्य व्यक्ति, अन्य वाहन, अन्य संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई को बीमा कंपनी (Insurance Company) करती है. हालांकि अगर आपके वाहन को अथवा आपको नुकसान पहुंचता है तो इससे किसी भी तरह की मदद नहीं मिल पाती है. इसके तहत बीमा का पैसा आपको नहीं मिलता है. इससे सबसे बड़ा फायदा यह है कि दुर्घटना के लिए आप खुद हर्जाना देने से बच जाते हैं. इंश्योरेंस कंपनी सभी तरह के कानूनी दावों से निपटती है. वहीं दूसरी ओर कांप्रिहेंसिव इंश्योरेंस आपको भी बीमा का फायदा मिलता है. इसके तहत वाहन को नुकसान, गाड़ी चोरी होने या पूरी तरह से नष्ट होने की स्थिति में बीमा कंपनी हर्जाना अदा करती है. कांप्रिहेंसिव इंश्योरेंस में दुर्घटना के समय आपकी गाड़ी को हुए नुकसान और अन्य व्यक्ति की गाड़ी को हुए नुकसान दोनों ही सूरत में बीमा का फायदा मिलता है.

यह भी पढ़ें: Gold Price Today 28 Nov 2019: दिग्गज जानकारों की राय में आज MCX पर सोने-चांदी की कैसी रहेगी चाल, जानें यहां

Comprehensive Insurance लेना जरूरी नहीं
गाड़ी रखने वाले सभी लोगों के लिए सरकार ने थर्ड पार्टी इंश्योरेंस को कानूनी रूप से अनिवार्य किया है. सभी वाहनधारकों को कम से कम थर्ड पार्टी इंश्योरेंस लेना अनिवार्य है. बता दें कि नए नियमों के मुताबिक बगैर इंश्योरेंस के गाड़ी चलाने पर 2 हजार रुपये का जुर्माना या 3 महीने की जेल या दोनों साथ-साथ हो सकते हैं. बता दें कि Comprehensive Insurance लेने के लिए किसी भी तरह की बाध्यता नहीं है. आप चाहे तो उसे ले सकते हैं या नहीं. Comprehensive Insurance नहीं होने पर आप पर किसी भी तरह का जुर्माना नहीं लगेगा. हालांकि जुर्माने से बचने के लिए आपके पास थर्ड पार्टी इंश्योरेंस का होना अनिवार्य है.

यह भी पढ़ें: Petrol Rate Today 28 Nov 2019: पेट्रोल-डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं, देखें लिस्ट

अनिवार्य दुर्घटना बीमा के तहत दोनों तरह के बीमा प्लान के साथ 15 लाख रुपये का न्यूनतम दुर्घटना बीमा लेना (compulsory personal accident cover) अनिवार्य है. यह अनिवार्य बीमा गाड़ी मालिक-ड्राइवर के लिए है. Comprehensive Insurance लेने पर रोड एक्सीडेंट कवर को 15 लाख रुपये से अधिक बढ़ाया जा सकता है, जबकि थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में अनिवार्य दुर्घटना बीमा 15 लाख तक ही मिलता है.