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आम जनता को बड़ा झटका, मोदी सरकार ने की PPF-सुकन्या समेत सभी सेविंग स्कीम की ब्याज दरों में भारी कटौती

कोरोना वायरस (Corona Virus) के चलते पहले भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट पर कैंची चलाई और अब सरकार ने आम आदमी को बड़ा झटका दिया है.

Updated on: 01 Apr 2020, 12:34 AM

दिल्ली:

कोरोना वायरस (Corona Virus) के चलते पहले भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट पर कैंची चलाई और अब सरकार ने आम आदमी को बड़ा झटका दिया है. केंद्र सरकार (Modi Government) ने छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर में बड़ी कटौती कर दी है. मोदी सरकार ने पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) और सुकन्या समृद्धि योजना जैसी स्मॉल सेविंग स्कीम पर ब्याज दर घटा दी है. 

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सरकार ने मंगलवार को राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र और लोक भविष्य निधि समेत लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरें 2020-21 की पहली तिमाही के लिए 1.4 प्रतिशत तक घटा दीं. बैंक जमा दरों में कटौती के बीच यह कदम उठाया गया है, लघु बचत योजनाओं पर ब्याज तिमाही आधार पर अधिसूचित किया जाता है. वित्त मंत्री ने एक अधिसूचना में कहा कि विभिन्न लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों को वित्त वर्ष 2020-21 की अप्रैल-जून तिमाही के लिए संशोधित किया गया है.

 इस कटौती के बाद एक से तीन साल की मियादी जमा राशि पर ब्याज अब 5.5 प्रतिशत मिलेगा जो अबतक 6.9 प्रतिशत था. यानी इस पर ब्याज में 1.4 प्रतिशत की कटौती की गयी है. इन मियादी जमाओं पर ब्याज तिमाही आधार पर दी जाती है. पांच साल की मियादी जमा पर ब्याज कम कर 6.7 प्रतिशत किया गया है जो अबतक 7.7 प्रतिशत थी. इन जमाओं पर ब्याज हर तिमाही दिया जाता है. पांच साल की आवर्ती (रेकरिंक) जमा पर ब्याज में 1.4 प्रतिशत की कमी की गई है. इस कटौती के बाद नई दर 5.8 प्रतिशत होगी.

पांच साल के वरिष्ठ नागरिक बचत योजना पर ब्याज 1.2 प्रतिशत कम कर 7.4 प्रतिशत कर दिया गया है जो अबतक 8.6 प्रतिशत थी. वरिष्ठ नागरिक बचत योजना पर भी ब्याज तिमाही आधार पर दिया जाता है. हालांकि बचत खाते पर ब्याज को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है. अधिसूचना के अनुसार सुकन्या समृद्धि योजना पर ब्याज 2020-21 की पहली तिमाही के लिये 7.6 प्रतिशत होगा जो अबतक 8.4 प्रतिशत था.

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लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) और राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र (एनएससी) पर ब्याज दरों में क्रमश: 0.8 प्रतिशत और 1.1 प्रतिशत की कटौती की गयी है. इस कटौती के बाद 2020-21 की पहली तिमाही पीपीएफ पर ब्याज 7.1 प्रतिशत होगा जबकि एनएससी पर यह 6.8 प्रतिशत होगा। किसान विकास पत्र पर पर अब 6.9 प्रतिशत ब्याज मिलेगा जो अबतक 7.6 प्रतिशत था. नये ब्याज पर परिपक्वता अवधि 124 महीने हो गई है जो पहले 113 महीने थी.

पिछले महीने आर्थिक मामलों के सचित अतनु चक्रवर्ती ने संकेत दिया था कि बाजार दर के अनुरूप अगली तिमाही के लिये लघु बचत योजनाओं पर ब्याज कम की जा सकती है ताकि मौद्रिक नीति दर का तेजी से लाभ ग्राहकों को मिल सके. बैंक इस बात की शिकयात कर रहे थे लघु बचत योजना पर अधिक ब्याज दर से वे जमा दरों पर ब्याज कम नहीं कर पा रहे हैं.