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Investment News: बच्चों को फाइनेंशियल प्लानिंग के लिए करें जागरूक, भविष्य में नहीं होगी दिक्कत

Investment News: समय रहते वित्तीय योजना नहीं बनाई है तो आपको भविष्य में आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है. इन सब परिस्थितियों को देखते हुए बच्चों के लिए कम उम्र से ही वित्तीय अनुशासन अपनाना काफी मायने रखता है.

Updated on: 09 Jan 2020, 02:19 PM

नई दिल्ली:

Investments News: मौजूदा समय में फाइनेंशियल प्लानिंग (Financial Planning) हर किसी के लिए बेहद जरूरी हो गया है, क्योंकि अगर आपने समय रहते वित्तीय योजना नहीं बनाई है तो आपको भविष्य में आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है. इन सब परिस्थितियों को देखते हुए बच्चों के लिए कम उम्र से ही वित्तीय अनुशासन अपनाना काफी मायने रखता है. जानकारों का कहना है कि पैसे और खर्च के बारे में अनुशासन की नींव कम आयु से ही पड़नी चाहिए और उसे जीवनभर लागू करना चाहिए.

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बच्चों के अंदर बचत करने की आदत का विकास करें
एक्सपर्ट्स के मुताबिक अभिभावकों को बच्चों के अंदर बचत की आदत को सिखाने का प्रयास करना चाहिए. हालांकि ऐसा करने के लिए परिवार को अपने व्यवहार में भी वित्तीय अनुशासन लाना चाहिए, तभी बच्चे आपसे सीखे गए संस्कार को अपनाने की कोशिश करेंगे. आप पैसे को कैसे खर्च करते हैं और कैसे रखते हैं, इन सबका बच्चे के मस्तिष्क पर असर पड़ता है.

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खर्च पर नियंत्रण करना सिखाएं
अभिभावकों के द्वारा बच्चों को खर्च पर नियंत्रण करने की सीख दी जानी चाहिए. मान लीजिए कि आप लापरवाही से खर्च करते हैं तो बच्चों को जरूर बताएं कि यह गलत हैं और वो उस पर नियंत्रण करने जा रहे हैं. ऐसा करके आप बच्चों के मन में खर्च पर नियंत्रण को लेकर एक धारणा बननी शुरू हो जाती है. इसके अलावा एक महत्वपूर्ण कार्य यह है कि बच्चों को आदेश देकर कार्य कराने की कोशिश नहीं करनी चाहिए. उम्र बढ़ने के साथ ही बच्चे आपके उस व्यवहार का विरोध शुरू कर देंगे. ऐसी स्थिति में उन्हें समझाबुझाकर बचत की आदत के साथ कार्य कराने की आदत का विकास करने की कोशिश करनी चाहिए.

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बड़ी उम्र में दें संपत्ति की जानकारी
अक्सर यह देखा गया है कि व्यक्ति अपने बच्चों के सामने यह बताता रहता है कि उसके माता पिता के पास इतनी संपत्ति है, इतना बैंक बैलेंस है और भविष्य में उसे किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होगी. इन सब बातों का बच्चे के ऊपर नकारात्मक असर पड़ने की संभावना बढ़ जाती है और वह फिजूलखर्ची की ओर बढ़ने लगता है. ऐसे में आपको बच्चे को संपत्ति के बारे में ज्यादा जानकारी देने से बचना चाहिए, क्योंकि उम्र बढ़ने के साथ बच्चा अपनेआप सभी चीजों को समझने लगेगा.

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व्यक्ति को खराब आर्थिक समय में बच्चों को अपने फैसलों में शामिल करना चाहिए. हालांकि उनके ऊपर ज्यादा बोझ डालने से बचना चाहिए कि उन्हें तनाव हो जाए. दरअसल, विपरीत परिस्थिति सलाह मशविरा करने के लिए बच्चों को शामिल करने से उन्हें पैसे की अहमियत का अहसास होता है.