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Pension Scheme: लाखों निजी कर्मचारियों के लिए 'सुप्रीम' फैसला, मिलेगी ये सौगात

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले से कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में अंशदान करने वाले लाखों कर्मचारियों की पेंशन (Employee's Pension Scheme-EPS) कई गुना तक बढ़ने की संभावना है

Updated on: 08 Apr 2019, 03:42 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट (SC) ने निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए अधिक पेंशन का रास्ता साफ कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कर्मचारियों के पेंशन (Pension) में दोगुने से ज्यादा की बढ़ोतरी होने का अनुमान है. केरल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दर्ज की गई भविष्य निधि संगठन (EPFO) की अपील को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. केरल हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में EPFO को कहा था कि रिटायर होने वाले कर्मचारियों को उनकी अंतिम सैलरी के आधार पर पेंशन मिलनी चाहिए. अभी तक EPFO निधार्रित सीमा में कर्मचारियों को पेंशन जारी करता है. केरल हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ ईपीएफओ ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया.

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गौरतलब है कि मौजूदा समय तक EPFO अधिकतम 15,000 हजार रुपये तक की सैलरी को आधार बनाकर पेंशन देता है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब पेंशन की गणना कर्मचारियों के नौकरी में बिताए कुल साल और अंतिम सैलरी के आधार पर तय होगी. मान लीजिए अगर किसी कर्मचारी की आखिरी सैलरी 50 हजार रुपये महीना थी और उसने अगर 30 साल काम किया है तो उसे नए फैसले के बाद करीब 22,857 रुपये पेंशन मिलेगी. वहीं पुराने नियमों के मुताबिक उसे करीब 4,525 रुपये ही पेंशन मिलती. यानी अब सैलरी और काम के साल के आधार पर पेंशन में दोगुने से भी ज्यादा की बढ़ोतरी होने की संभावना है.

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बता दें कि 2014 में EPFO द्वारा किए गए संशोधन के बाद निजी क्षेत्र के कर्मचारियों की पेंशन की गणना 6,400 रुपये के स्थान पर 15,000 रुपये के आधार पर करने को मंजूरी मिली थी. हालांकि उसमें भी एक पेंच था. पेंच यह था कि पेंशन की गणना कर्मचारी की पिछले पांच साल की औसत सैलरी के आधार पर ही होगी, जबकि इससे पहले पेंशन की गणना रिटायरमेंट से पहले के एक साल के आधार पर होती थी. इसी को आधार बनाकर मामला केरल हाईकोर्ट पहुंचा था. केरल हाईकोर्ट ने अपने फैसले में संशोधन कर पेंशन की गणना का आधार रिटायरमेंट से पहले के एक साल को बना दिया और पांच साल वाले नियम को खत्म कर दिया. EPFO केरल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चला गया था.

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