logo-image

आयकर रिटर्न (Income Tax Return) फाइल करने जा रहे हैं तो यह खबर पहले जरूर पढ़ लें

दो करोड़ रुपये या उससे अधिक की वार्षिक आय वाले करदाताओं को इस बार अपना आयकर विवरण (Income Tax Return) जमा कराने से पहले वित्तीय वर्ष 2019-20 के बढ़े हुये अधिभार के मुताबिक बकाया कर जमा कराना होगा.

Updated on: 15 Apr 2020, 09:53 AM

दिल्ली:

आयकर विभाग (Income Tax Department) ने कहा है कि दो करोड़ रुपये या उससे अधिक की वार्षिक आय वाले करदाताओं को इस बार अपना आयकर विवरण (Income Tax Return) जमा कराने से पहले वित्तीय वर्ष 2019-20 के बढ़े हुये अधिभार (Surcharge) के मुताबिक बकाया कर जमा कराना होगा. यह आदेश उन लोगों के लिए है जिन्होंने 2019-20 में आय के स्रोत पर कर की कटौती (TDS) की गणना करते समय बढ़े हुये अधिभार के मुताबिक कर नहीं चुकाया है. विभाग ने स्पष्ट किया है चूंकि संबंधित वित्त वर्ष का बजट जुलाई में पेश किया गया था.

यह भी पढ़ें: Gold Silver Rate Today: देश सबसे बड़े जानकारों से जानिए आज कैसा रहेगा सोने-चांदी का बाजार

दो से पांच करोड़ रुपये के बीच की आय वालों के लिए कर अधिभार बढ़ाकर 25 प्रतिशत
इसमें अधिभार की बढ़ी दरें वर्ष के शुरू से लागू मानी गयी थी इस लिए कर दाताओं के इस बकाए पर ब्याज नहीं लगाया जाएगा, लेकिन ब्याज छूट के लिए शर्त यह है कि करदाता ने पुरानी दर पर टीडीएस/टीसीएस सही काटा हो और उसे सही समय के अंदर जमा करा दिया हो. वर्ष 2019-20 का बजट पांच जुलाई को प्रस्तुत किया गया था. उसमें दो से पांच करोड़ रुपये के बीच की आय वालों के लिए कर अधिभार बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया. इसी तरह पांच करोड़ रुपये से ऊपर की आय वालों पर अधिभार की दर 37 प्रतिशत कर दी गयी थी. पहले अधिभार की दर 15 प्रतिशत थी और बढ़ी दरों को पहली अप्रैल 2019 से लागू माना गया है.

यह भी पढ़ें: भारी आर्थिक मंदी के बीच भारत को लेकर अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने जताया ये राहत भरा अनुमान

वर्ष 2019 में मई में मोदी सरकार के दूसरी बार सत्ता संभालने के बाद जुलाई में पूर्ण बजट पेश किया गया. वित्त विधेयक जुलाई में पारित हुआ। इससे पहले फरवरी में आम चुनाव से पहले अंतरिम बजट पेश किया गया था. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक स्पष्टीकरण में कहा है कि उसे ऐसे कई मामले नजर में आए हैं जहां करदाताओं ने 1 अप्रैल से 4 जुलाई 2019 के बीच के लेनदेन पर टीडीएस/ टीसीएस (स्रोत पर कर संग्रह) की कटौती अधिभार की बढ़ी हुई दर से नहीं की है. इसलिए उन्होंने चूक की है। बहरहाल विभाग ने उनकी कठिनाई को दूर करने के लिये कुछ राहत दी है जिसमें उन्हें डिफाल्ट नहीं माना जायेगा और ब्याज भी नहीं लिया जायेगा. बशर्ते कि ऐसे करदाता तय शर्तो के अनुरूप बकाया कर रिटर्न दाखिल करने से पहले चुका दें.