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Year Ender 2018 : रुपये-पैसे से जुड़े बदले ये नियम, जान लें नहीं तो पड़ सकते हैं दिक्‍कत में

Year Ender 2018 : वर्ष 2018 में रुपये पैसे से जुड़े कई नियम बदल गए हैं. इसलिए सभी को इनको जानना जरूरी है. नहीं तो आप कानूनी झमेलों में भी फंस सकते हैं.

Updated on: 25 Dec 2018, 09:24 AM

नई दिल्‍ली:

Year Ender 2018 : वर्ष 2018 में रुपये पैसे से जुड़े कई नियम बदल गए हैं. इसलिए सभी को इनको जानना जरूरी है. नहीं तो आप कानूनी झमेलों में भी फंस सकते हैं. इन बदलावों में सैलरी (Salary) में टैक्‍स छूट (Tax exemption) से लेकर पैन कार्ड (Pan Card) और टीडीएस (TDS) से लेकर डिविडेंड (Dividend) तक शामिल है. यह ऐसे बदलवा है कि अगर जरा सी चूक हुई तो बाद में आपको भारी दिक्‍कतों का सामना करना पड़ सकता है. इसके अलावा इनमक टैक्‍स रिटर्न (ITR) देर से फाइल करने वालों के एक बुरी खबर है कि उनको पेनाल्‍टी देना जरूरी हो गया है. हालांकि नौकरीपेशा (Salary class) लोगों के लिए अच्‍छी खबर भी है.

सैलरी क्‍लास (Salary class) का बढ़ा फायदा
अभी तक सैलरी क्‍लास (Salary class) को मेडिकल और ट्रांसपोर्ट अलाउंस मिलता था, जिसे टैक्‍स फ्री (Tax Free) आमदनी माना जाता था. लेकिन सरकार ने पिछले साल बजट में इसकी जगह स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन (Standard Deduction) का प्रावधान लागू किया है. अब नौकरीपेशा (Salary class) लोग हर साल 40 हजार रुपये का स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन (Standard Deduction) क्‍लेम कर सकते हैं. इसके लिए उनको कोई प्रूफ देने की भी जरूरत नहीं है. इससे लोगों की टैक्‍सेवल आय कम होगी और उनको कम इनकम टैक्‍स देना होगा. स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन (Standard Deduction) छूट का फायदा सभी नौकरीपेशा (Salary class) लोगों को उठाना चाहिए. ईयर एंडर 2018 (Year Ender 2018) में हुए हैं कई बदलाव.

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लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्‍स (Long Term Capital Gain Tax) यानी एलटीसजी (LTCG) का नियम बदला

पिछले साल बजट में ही शेयर और इक्विटी म्‍यूचुअल फंड पर टैक्‍स के नियमों में बदलाव किया गया है. इस पर लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्‍स (Long Term Capital Gain Tax) यानी एलटीसीजी (LTCG) को सीमित कर दिया गया है. अभी तक एक साल से ज्‍यादा समय तक शेयर (Equity) या इक्‍विटी म्‍युचुअल फंड (Equity Mutual Fund) रखने पर लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्‍स (Long Term Capital Gain Tax) यानी एलटीसीजी (LTCG) का लाभ मिलता था और शेयर (Equity) या इक्‍विटी म्‍युचुअल फंड (Equity Mutual Fund) से होने वाला पूरा लाभ टैक्‍स फ्री होता था. लेकिन अब शेयर (Equity) या इक्‍विटी म्‍युचुअल फंड (Equity Mutual Fund) को एक साल बाद बेचने पर होने वाला केवल 1 लाख रुपये का ही लाभ ही लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्‍स (Long Term Capital Gain Tax) यानी एलटीसीजी (LTCG) के दायरे में आएगा. इससे ऊपर के लाभ पर 10 फीसदी टैक्‍स देना होगा. इस नियम से लोगों को नुकसान होगा और टैक्‍स की गणना के वक्‍त सावधान रहने की भी जरूरत होगी. ईयर एंडर 2018 (Year Ender 2018) में हुए हैं कई बदलाव।

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डिविडेंड (Dividend) पर भी लगा टैक्‍स 

शेयर (Equity) और इक्‍विटी म्‍युचुअल फंड (Equity Mutual Fund) स्‍कीम से मिलने वाला डिविडेंड (Dividend) अब हालांकि निवेशकों के हाथ में तो टैक्‍स फ्री ही आएगा, लेकिन वास्‍तव में उनको 10 फीसदी टैक्‍स चुकाना होगा. सरकार ने पिछले साल बजट में डिविडेंड डिस्‍ट्रीब्‍यूशन टैक्‍स (Dividend Distribution Tax) लागू किया है. इसलिए इस बार आपको शेयर (Equity) और इक्‍विटी म्‍युचुअल फंड (Equity Mutual Fund) से मिलने वाले डिविडेंड (Dividend) की राशि घोषित डिविडेंड (Dividend) से कम मिलेगी, क्‍योंकि कंपनियां 10 फीसदी डिविडेंट डिस्‍ट्रीब्‍यूशन टैक्‍स (Dividend Distribution Tax) काट कर ही आपको डिविडेंड (Dividend) मिलेगा. ईयर एंडर 2018 (Year Ender 2018) में हुए हैं कई बदलाव.

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देर से इनकम टैक्‍स रिटर्न (ITR) फाइल पर पेनाल्‍टी
पिछले साल बजट में इनकम टैक्‍स रिटर्न (ITR) फाइल करने के अब नियम बदल गए हैं. अब इनकम टैक्‍स रिटर्न (ITR) फाइल करने पर पेनाल्‍टी देना जरूरी हो गया है. इसलिए अभी भी देर नहीं हुई है. अगर अभी तक इनकम टैक्‍स रिटर्न (ITR) फाइल नहीं किया है तो कम पेनाल्‍टी के साथ इस 31 दिसम्‍बर तक फाइल कर सकते हैं. अगर ऐसा नहीं करते हैं तो बाद में और ज्‍यादा पेनाल्‍टी देनी होगी. नए नियम के अनुसार यदि कोई देरी से इनकम टैक्‍स रिटर्न (ITR) फाइल करता है तो उस पर 10 हजार रुपए तक की पेनाल्‍टी लग सकती है. छोटे टैक्‍स पेयर्स के लिए 1 हजार रुपए की पेनाल्‍टी का प्रावधान है.
वहीं अगर आपने इनकम टैक्‍स रिटर्न (ITR) में कोई गलती की है तो अब आप अपने इनकम टैक्‍स रिटर्न (ITR) को अगले साल 31 मार्च तक ही ठीक कर पाएंगे. इससे पहले टैक्‍स देने वाले 2 साल तक इनकम टैक्‍स रिटर्न (ITR) को ठीक करा सकते थे.
इसके अलावा 54EC बॉन्‍ड में निवेश कर टैक्‍स छूट लेने के नियम भी बदले हैं. इसके तहत अब इनकम टैक्‍स बचाने के लिए 3 साल की जगह 5 साल तक निवेश करना होगा. ईयर एंडर 2018 (Year Ender 2018) में हुए हैं कई बदलाव.

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पैन कार्ड (Pan Card) से जुड़े नियम बदले

पैन कार्ड (Pan Card) से जुड़े नियम चालू वित्‍तीय साल में दो बार बदले गए हैं. पहली बार इसमें ट्रांसजेंडर का विकल्‍प जोड़ा गया. अब ट्रांसजेंडर आसानी से अपना पैन कार्ड (Pan Card) बनवा सकते हैं. वहीं पैन कार्ड (Pan Card) में माता-पिता के अलग होने की स्थिति में पिता का नाम देना अब आवेदन में जरूरी नहीं है. पिता का नाम न देने का विकलप वाला नियम 5 दिसंबर से लागू हो गया है. ईयर एंडर 2018 (Year Ender 2018) में हुए हैं कई बदलाव.

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आधार (aadhaar) के नियम भी बदले
पैन कार्ड (Pan Card) की अर्जी देने के लिए 2018 में आधार (aadhaar) को अनिवार्य कर दिया गया. सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में एक फैसला दिया था, जिसके बाद इसे जरूरी कर दिया गया है. इसके अलावा जिसके पास भी 1 जुलाई 2017 तक पैन कार्ड (Pan Card) है उसे इसे आधार (aadhaar) से लिंक करना जरूरी कर दिया है. यह काम लोगों को 31 मार्च 2019 से पहले पहले करा लेना है. ईयर एंडर 2018 (Year Ender 2018) में हुए हैं कई बदलाव.

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एनपीएस (NPS) में बढ़ा फायदा
एनपीएस (NPS) के सरकार ने नियम बदल दिए हैं. अब इससे लोगों की इनकम टैक्‍स छूट वाली आय बढ़ जाएगी. सरकार ने नए नियमों के अनुसार एनपीएस (NPS) की मैच्‍योरिटी के समय मिलने वाला 60 प्रतिशत पैसा टैक्‍स फ्री होगा. अब केवल 40 प्रतिशत राशि की ही एन्‍युटी खरीदना होगी. इससे लोगों के पास रिटायरमेंट के वक्‍त हाथ में ज्‍यादा पैसा आएगा. ईयर एंडर 2018 (Year Ender 2018) में हुए हैं कई बदलाव.