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इनकम टैक्स रिटर्न (ITR): कैसे भरें आईटीआर फॉर्म 1, आसान भाषा में समझें पूरी प्रक्रिया

केंद्र सरकार ने इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फॉर्म में बदलाव कर दिया है. वित्त वर्ष 2018-19 में 50 लाख रुपये की आमदनी वाला व्यक्ति ITR फॉर्म 1 भर सकता है.

Updated on: 23 Jul 2019, 02:25 PM

नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फॉर्म में बदलाव कर दिया है. वित्त वर्ष 2018-19 में 50 लाख रुपये की आमदनी वाला व्यक्ति ITR फॉर्म 1 भर सकता है. वहीं वह व्यक्ति जो किसी कंपनी में डायरेक्टर है और उसने अनलिस्टेड इक्विटी शेयर्स में निवेश किया हुआ है. वह ITR फॉर्म 1 नहीं भर सकता है. आइये ITR फॉर्म 1 को भरने का तरीका जानते हैं.

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आयकर विभाग की वेबसाइट पर जाकर करें फाइल
सबसे पहले www.incometaxindiaefiling.gov.in पर जाकर लॉग इन करें. पैन नंबर आपका लॉग इन आईडी है. पासवर्ड याद नहीं होने की स्थिति में Forgot पासवर्ड के इस्तेमाल से नया पासवर्ड बना लें. लॉग इन होने के बाद ई-फाइल में इनकम टैक्स फॉर्म्स पर क्लिक करना होगा. नया पेज खुलने के बाद एसेसमेंट ईयर 2019-20, आईटीआर फॉर्म नंबर में आईटीआर 1 फाइलिंग टाइप में ओरिजनल/रिवाइज्ड रिटर्न, सबमिशन मोड में प्रिपेयर एंड सबमिट ऑनलाइन का चयन करना होगा. कॉन्टिन्यू करने से पहले कॉन्टिन्यू और कैंसल बटन के ऊपर हिंदी फॉर्म के विकल्प पर क्लिक करें.

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7 टैब्स के जरिए भरें रिटर्न
कॉन्टिन्यू पर क्लिक करने के बाद 7 टैक दिखेंगे. पहले टैब (निर्देश) में सामान्य जानकारियां दी हुई हैं. दूसरे टैब यानि पार्ट A (सामान्य सूचनाएं) में आपकी आपकी व्यक्तिगत जानकारियां (नाम, पता, आधार नंबर, मोबाइल नंबर, ई-मेल ऐड्रेस आदि) होती हैं. तीसरे टैब में आय की गणना और टैक्स की जानकारी रहती है. सैलरी से आय की जानकारी, हाउस प्रापर्टी से आय, ब्याज आय, टैक्स छूट दावे की जानकारी आपको फॉर्म में पहले से भरी हुई मिलेगी. इसके अलावा इनके आधार पर कितनी टैक्स की देनदारी है उसकी भी जानकारी मिल जाएगी.

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टैक्स से जुड़ी जानकारियां फॉर्म 26AS से ली गई हैं
चौथे टैब में टैक्स डीटेल्स के अंतर्गत TDS, टीसीएस, एडवांस टैक्स और सेल्फ असेसमेंट टैक्स की जानकारियां मिलेंगी. बता दें कि ये सभी जानकारी फॉर्म 26AS से ली गई हैं. लोगों को अपनी कंपनी, बैंक, किरायेदार आदि से मिले TDS सर्टिफिकेट्स से मिलान जरूर कर लेना चाहिए. पांचवे टैब टैक्स पेड और वेरिफिकेशन के तहत बकाया टैक्स और ज्यादा टैक्स दिया हुआ है तो रिफंड की जानकारी मिल जाएगी. वहीं अगर कोई टैक्स बकाया है तो रिटर्न फाइल करने से पहले सेल्फ एसेसमेंट टैक्स भरना जरूरी होगा.

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छठें टैब डोनेशन 80G के अंतर्गत डिडक्शन क्लेम करने के लिए यह जरूरी है कि आप दान ग्रहण करने वाले की पूरी जानकारी साझा करें. फंड, चैरिटेबल इंस्टीट्यूशन या अन्य संस्थान को दिए गए दान की राशि का ब्यौरा देना जरूरी है. इस साल के फॉर्म में करदाता को नगदी या किसी अन्य रूप में दिए गए दान की जानकारी देनी होगी. सातवें और अंतिम टैब डोनेशन-80GCA के तहत क्लेम्ड डिडक्शन की जानकारी देनी होती है. इस सेक्शन के जरिए वैज्ञानिक अनुसंधान और ग्रामीण विकास आदि के लिए दिए गए दान पर डिडक्शन मिलता है. हालांकि इस डिडक्शन का लाभ बिजनेस आय करने वालों को छोड़कर सभी करदाताओं को मिलता है.

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फॉर्म वैरिफाइ करने के बाद प्रीव्यू एंड सबमिट करना जरूरी
फॉर्म में सभी जानकारियां भरने के बाद वैरिफिकेशन ऑप्शन का चयन करें. बैंक अकाउंट की जानकारी देने के बाद 'Tax Paid and Verification' टैब के जरिए पूरा कर लिया जाता है. बता दें कि फाइलिंग की प्रक्रिया के लिए वैरिफिकेशन अनिवार्य है. फॉर्म सबमिट करने के बाद 'Submit' बटन पर क्लिक करना होगा. फॉर्म जमा होने के बाद SMS और ईमेल के जरिए आपको फॉर्म जमा करने की सूचना भेज दी जाएगी.