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आयकरदाताओं की बढ़ने जा रही है मुसीबत, हर लेनदेन की निगरानी करेगा आयकर विभाग

आयकर दाताओं को रिटर्न फाइल करते समय प्री-फिल्ड फॉर्म में कैपिटल गेन (Capital Gain), डिविडेंड (Dividend) और ब्याज से प्राप्त कमाई की सारी जानकारी पहले ही देनी होगी.

Updated on: 07 Feb 2020, 12:24 PM

नई दिल्ली:

आयकरदाताओं के लिए नई खबर निकलकर सामने आ रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आयकर विभाग (Income Tax Department) अधिक कीमत वाले लेन-देन की रियल टाइम मॉनिटरिंग करने जा रहा है. इसके तहत हाई वैल्यू ट्रांजैक्शन (High Value Transaction) की मॉनिटरिंग की जाएगी. आयकर दाताओं को रिटर्न फाइल करते समय प्री-फिल्ड फॉर्म (Pre-Filled Form) में कैपिटल गेन (Capital Gain), डिविडेंड (Dividend) और ब्याज से प्राप्त कमाई की सारी जानकारी पहले ही देनी होगी.

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आयकरदाताओं से सीधे संपर्क करेगा आयकर विभाग
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आयकर विभाग द्वारा इन लेन देन के लिए आयकरदाताओं से सीधे संपर्क किया जा सकता है. इसके अलावा आईटी विभाग SMS, ईमेल आदि के जरिए भी लेनदेन की जानकारी मांग सकता है. आयकर विभाग ने बैंकिंग ट्रांजैक्शन की रियल टाइम निगरानी करने की योजना बनाई है. गौरतलब है कि मौजूदा समय में बैंक इनकम टैक्स विभाग को मासिक या तिमाही आधार पर ही हाई वैल्यू ट्रांजैक्शन की जानकारी देते हैं. आयकर विभाग ने आयकरदाताओं से संपर्क के लिए मोबाइल ऐप लॉन्च करने की भी योजना बनाई है.

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आयकरदाताओं को प्री-फिल्ड रिटर्न में म्यूचुअल फंड और शेयर से हुई आय की भी जानकारी देनी होगी. आयकरदाताओं को फॉर्म 16 में स्रोत पर कर कटौती (TDS) की जानकारी देनी जरूरी होगी. बता दें कि फिलहाल 5,000 रुपये से अधिक की डिविडेंड आय पर टैक्स लगता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फाइनेंस बिल में बदलाव के जरिए आयकर विभाग को अधिकार दिया जा सकता है. आयकर विभाग के नए फैसले से आयकरदातों की मुसीबत बढ़ सकती है.