logo-image

स्रोत पर कर वसूली को लेकर आयकर विभाग ने जारी किए नए दिशानिर्देश

ई- कामर्स आपरेटर को यह अधिकार दिया गया है कि एक अक्ट्रबर 2020 से उसके डिजिटल अथवा इलेक्ट्रानिक सुविधा अथवा प्लेटफार्म के जरिये होने वाले माल अथवा सेवा अथवा दोनों के कुल मूल्य पर एक प्रतिशत की दर से आयकर लेना होगा.

Updated on: 30 Sep 2020, 08:20 AM

नई दिल्ली:

आयकर विभाग (Income Tax Department) ने स्रोत पर कर वसूली (Tax collection at source-TCS) प्रावधान के लागू होने को लेकर दिशानिर्देश जारी कर दिये. इसके तहत ई- वाणिज्य आपरेटर को एक अक्ट्रबर (1 Oct 2020) से माल एवं सेवाओं की बिक्री पर एक प्रतिशत की दर से कर लेना है. वित्त अधिनियम 2020 में आयकर कानून 1961 में एक नई धारा 194-ओ जोड़ी गई है. इसके तहत ई- कामर्स आपरेटर को यह अधिकार दिया गया है कि एक अक्ट्रबर 2020 से उसके डिजिटल अथवा इलेक्ट्रानिक सुविधा अथवा प्लेटफार्म के जरिये होने वाले माल अथवा सेवा अथवा दोनों के कुल मूल्य पर एक प्रतिशत की दर से आयकर लेना होगा.

यह भी पढ़ें: Gold Rate Today: सोने-चांदी में गिरावट पर खरीदारी की सलाह दे रहे हैं जानकार, देखें टॉप कॉल्स 

विक्रेता को खरीदार से 0.1 प्रतिशत की दर से वसूलना होगा टैक्स
वित्त अधिनियम 2020 में आयकर कानून की धारा 206सी में एक उप-धारा (1 एच) भी जोड़ी गई है. इसके तहत यदि बिक्री का मूल्य 50 लाख रुपये से अधिक है अथवा पिछले साल के दौरान सकल बिक्री मूल्य 50 लाख रुपये से अधिक था उसमें विक्रेता को खरीदार से 0.1 प्रतिशत की दर से कर वसूलना होगा. केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि उसे इस सबंध में ज्ञापन प्राप्त हुये थे कि कुछ एक्सचेंजों और क्लियरिंग कार्पोरेशन के स्तर पर स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) और स्रोत पर कर वसूली (टीसीएस) के प्रावधानों को अमल में लाने में परेशानी हो रही थी. यह बताया गया कि कई बार इस तरह के सौदों में खरीदार और विक्रेता के बीच सीधे संपर्क नहीं होता है.

यह भी पढ़ें: लॉकडाउन में मुकेश अंबानी हुए मालामाल, निजी संपत्ति 73 फीसदी बढ़ी

सीबीडीटी ने स्पष्ट किया है कि टीसीएस का नया प्रावधान जो लागू किया गया है वह मान्यता प्राप्त शेयर बाजारों में होने वाले जिंस अथवा प्रतिभूतियों के सौदों पर लागू नहीं होगा. यह प्रावधान बिजली, नवीकरणीय ऊर्जा प्रमाणपत्रों और ऊर्जा बचत प्रमाणपत्रों के लेनदेन पर भी लागू नहीं होगा.