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आज भी इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) नहीं भर पाए तो आपके सामने ये हैं विकल्प

ITR: केंद्र सरकार ने 31 जुलाई के बाद भी जुर्माना अदा करने के साथ आयकर रिटर्न दाखिल करने की छूट दे रखी है. चूंकि रिटर्न फाइल करने की तारीख 1 महीना बढ़ गई है ऐसे में लेट रिटर्न का समय भी बढ़ गया है.

Updated on: 31 Aug 2019, 09:01 AM

नई दिल्ली:

Income Tax Return-ITR: 31 अगस्त यानि आज (शनिवार) आयकर रिटर्न फाइल करने का आखिरी दिन है. ऐसे में जिन लोगों ने ITR फाइल नहीं किया है वो जल्द से जल्द अपना रिटर्न फाइल कर दें नहीं तो उन्हें भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है. टैक्स पेयर्स को इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) हमेशा निर्धारित समयसीमा के अंदर फाइल कर देना चाहिए. आईटीआर फॉर्म फाइल करने की आखिरी तिथि 31 अगस्त के बाद इसे फाइल करने पर जुर्माना भी देना पड़ सकता है. बता दें कि इससे पहले ITR फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई थी, जिसे बाद में एक महीने के लिए बढ़ा दिया गया था. लेकिन अगर आपने समय सीमा का ध्‍यान नहीं रखा तो इसके लिए आपको भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है.

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वित्तीय वर्ष (Financial year) का इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) 31 जुलाई तक दाखिल (File) करना अनिवार्य है. अगर आयकरदाता 31 जुलाई के बाद रिटर्न (Return) दाखिल करते हैं तो उसे Late Return माना जाएगा. हालांकि केंद्र सरकार ने 31 जुलाई के बाद भी जुर्माना अदा करने के साथ आयकर रिटर्न दाखिल करने की छूट दे रखी है. चूंकि रिटर्न फाइल करने की तारीख 1 महीना बढ़ गई है ऐसे में लेट रिटर्न का समय भी बढ़ गया है.

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क्या है लेट रिटर्न - What Is Late Return
सामान्तया वित्तीय वर्ष (Financial year) का रिटर्न 31 जुलाई तक दाखिल (File) करना अनिवार्य है. 31 जुलाई के बाद जब भी आयकर रिटर्न जमा करते हैं तो उसे लेट रिटर्न कहा जाता है. हालांकि सरकार कभी-कभी कुछ तकनीकी दिक्कतों की वजह से आयकर रिटर्न की अंतिम तिथि को बढ़ा देती है. ऐसा पिछले कुछ वर्षों में देखने में आया है.

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लेट रिटर्न पर कितना है जुर्माना - Penalty on late filing of ITR
जानकारों का कहना है कि सालाना आमदनी (Annual Income) के मुताबिक लेट रिटर्न (Late Return) पर जुर्माना लगता है. 5 लाख रुपये से कम आय वालों के लिए जुर्माने की रकम अलग है और 5 लाख रुपये से अधिक आय वालों पर जुर्माना अलग होगा.

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5 लाख से कम आय वालों के लिए जुर्माना

  • 1 अगस्त से 31 दिसंबर के बीच रिटर्न भरने पर 1 हजार रुपये जुर्माना
  • 1 जनवरी से 31 मार्च तक रिटर्न भरनेपर 1 हजार रुपये जुर्माना

5 लाख से ज्यादा आमदनी वालों के जुर्माना

  • 1 अगस्त से 31 दिसंबर के बीच रिटर्न भरने पर 5 हजार रुपये जुर्माना
  • 1 जनवरी से 31 मार्च तक रिटर्न भरने पर 10 हजार रुपये जुर्माना

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जुर्माने के साथ टैक्स का ब्याज भी चुकाना होगा
आयकर दाताओं को आयकर रिटर्न (Income Tax Return) भरने के लिए के लिए पूरा टैक्स चुकाना अनिवार्य है. बता दें कि लेट रिटर्न के मामले में यह नियम लागू होता है. आयकर की धारा 234A के मुताबिक देरी से भरे गए आयकर के साथ 1 फीसदी प्रति माह के हिसाब से ब्याज भी चुकाना पड़ता है. बकाया टैक्स पर ब्याज की गणना 31 जुलाई के बाद यानि कि 1 अगस्त से शुरू होती है. रिटर्न की तारीख बढ़ने की स्थिति में नई अंतिम तारीख के बाद ब्याज की गणना होगी.