घर खरीदारों ने आवास क्षेत्र को पैकेज का स्वागत किया, निर्माण कार्यों की कड़ी निगरानी की जरूरत बताई
इस कदम से देशभर में 4.59 लाख आवासीय इकाइयों को लाभ मिलेगा.
दिल्ली:
घर खरीदारों के निकाय एफपीसीई ने रीयल्टी क्षेत्र की 1,600 अटकी परियोजनाओं के लिए 25,000 करोड़ रुपये का कोष बनाने के सरकार के फैसले का स्वागत किया है. हालांकि, इसके साथ ही एफपीसीई ने कहा है कि यह धन बिल्डरों को सीधे नहीं दिया जाना चाहिए और घर खरीदारों की एक समिति बनाई जानी चाहिए जो इनमें प्रत्येक परियोजनाओं के निर्माण कार्य की निगरानी करेगी. फोरम फॉर पीपुल्स कलेक्टिव एफर्ट (एफपीसीई) को पूर्व में फाइट फॉर रेरा के नाम से जाना जाता रहा है. एफपीसीई ने सरकार से संकट में फंसे पांच लाख घर खरीदारों को राहत पहुंचाने के लिए 10,000 करोड़ रुपये का अलग कोष बनाने की मांग करता रहा है.
सरकार ने बुधवार को 1,600 अटकी आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 25,000 करोड़ रुपये का वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) बनाने की मंजूरी दी है. खास बात यह है कि इस कोष से गैर- निष्पादित आस्तियां (एनपीए) घोषित हो चुकी परियोजनाओं और दिवाला कार्रवाई के लिए भेजी जा चुकी परियोजनाओं के लिए भी धन उपलब्ध कराया जाएगा. इस कदम से देशभर में 4.59 लाख आवासीय इकाइयों को लाभ मिलेगा. इस कोष से सिर्फ रेरा पंजीकृत सकारात्मक नेटवर्थ वाली परियोजनाओं को कोष उपलब्ध कराया जाएगा. एफपीसीई के अध्यक्ष अभय उपाध्याय ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा, ‘‘जिन 1,600 परियेाजनाओं को इस कोष से धन उपलब्ध कराया जाएगा उनके नाम का खुलासा किया जाना चाहिए ताकि घर खरीदार कुछ राहत की सांस ले सकें.’’
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उपाध्याय ने कहा कि निर्माण कार्य शीघ्र शुरू कराया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘यह बेहतर होता यदि ऐसी परियोजनाओं की पहचान अधिक पारदर्शी तरीके से की जाए तथा घर खरीदारों को भी इसका हिस्सा बनाया जाए.’’ उन्होंने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह पैसा सीधे बिल्डरों को नहीं दिया जाए, क्योंकि अब उनपर और भरोसा नहीं किया जा सकता. अब भी हमारे पास ऐसा कोई तंत्र नहीं है जिसमें तत्काल आधार पर कोष को इधर उधर करने और या उसके दुरुपयोग का पता लगाया जा सके.
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उपाध्याय ने संबंधित पहचानी गई परियोजनाओं के घर खरीदारों की समिति गठित करने का भी सुझाव दिया है, जो निर्माण गतिविधियों की निगरानी करे और किसी तरह की गड़बड़ी की जानकारी तत्काल संबंधित अधिकारियों को उपलब्ध कराए. उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है कि कोष प्रबंधन के लिए पेशेवरों की समिति में घर खरीदारों के प्रतिनिधि भी शामिल हों. इस कोष के वितरण की व्यवस्था बेहद पारदर्शी होनी चाहिए.
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