logo-image

लॉकडाउन के बीच EPFO ने लिया बड़ा फैसला, करीब 6 लाख कंपनियों को मिलेगी राहत

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO): श्रम मंत्रालय ने बयान में कहा कि मौजूदा बंद की वजह से कंपनियां सामान्य तरीके से कामकाज नहीं कर पा रही हैं और उन्हें नकदी संकट से जूझना पड़ रहा है. ऐसे में वे सांविधिक भुगतान नहीं कर पा रही हैं.

Updated on: 01 May 2020, 08:37 AM

नई दिल्ली:

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO): ईपीएफओ ने नियोक्ताओं को बकाये का साथ-साथ भुगतान किये बिना मासिक प्रॉविडेंट फंड (Provident Fund) रिटर्न जमा कराने की अनुमति दे दी है. इस कदम से कोविड-19 संकट की वजह से लागू लॉकडाडन (Coronavirus Lockdown) के बीच करीब छह लाख कंपनियों को राहत मिलेगी. अभी नियोक्ताओं को पीएफ रिटर्न दाखिल करने के साथ-साथ बकाये का भुगतान भी करना होता है. पीएफ रिटर्न में ईपीएफओ द्वारा संचालित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में कर्मचारी और नियोक्ता के योगदान का ब्योरा होता है.

यह भी पढ़ें: फेसबुक के बाद दूसरे निवेशकों के साथ भी हिस्सा बिक्री की बातचीत कर रही रिलायंस इंडस्ट्रीज

श्रम मंत्रालय ने बयान में कहा कि मौजूदा बंद की वजह से कंपनियां सामान्य तरीके से कामकाज नहीं कर पा रही हैं और उन्हें नकदी संकट से जूझना पड़ रहा है. ऐसे में वे सांविधिक भुगतान नहीं कर पा रही हैं. हालांकि, उन्होंने कर्मचारियों को काम से नहीं हटाया है. बयान में कहा गया है कि इस स्थिति के मद्देनजर मासिक इलेक्ट्रॉनिक चालान-सह-रिटर्न को सांविधिक योगदान से अलग कर दिया गया है.

यह भी पढ़ें: जब तक कोरोना वायरस का खात्मा नहीं हो जाता तब तक के लिए मुकेश अंबानी ने लिया ये बड़ा फैसला

श्रम मंत्रालय ने कोरोना संकट में Covid-19 कंट्रोल रूम बनाए हैं और इन्‍हें क्षेत्रवार तय किया गया है. जनता की सुविधा के लिए पूरे देश भर के कंट्रोल रूम, इनमें बैठने वाले स्‍टाफ, डॉक्‍टर्स के नाम एवं नंबर्स भी दिए गए हैं. वहीं बता दें कि कर्मचारी अपने EPF यानी भविष्‍य निधि खाते में से COVID-19 कैटेगरी दर्ज कराकर जमा राशि का 75 प्रतिशत पैसा निकाल सकते हैं. इसके साथ ही वे 3 माह का मूल वेतन और महंगाई भत्‍ता भी प्राप्‍त कर सकते हैं.

यह भी पढ़ें: जितनी गाड़ी चलाएंगे उसी हिसाब से देना पड़ेगा इंश्योरेंस प्रीमियम, इस कंपनी ने लॉन्च की नई पॉलिसी

8.2 लाख कर्मचारियों ने निकाला PF का पैसा
कोरोना वायरस (Coronavirus) पर काबू पाने के लिए लागू सार्वजनिक पाबंदियों के बीच ईपीएफओ और निजी पीएफ कोषों के करीब 8.2 लाख सदस्यों ने अपने गुजर-बसर के लिए 3,243.17 करोड़ रुपये निकाले हैं. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने 28 मार्च के निर्णय में इस योजना के अंशधारक कर्मचारिेयों को लॉकडाउन के कारण कठिनाइयों से निपटने के लिए आंशिक निकाषी की अनुमति दी थी. श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय के तहत आने वाले ईपीएफओ ने (इस दौरान) कुल 12.91 लाख दावों का निपटारा किया है, जिसमें कोविड-19 संकट में घोषित प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) पैकेज के तहत दी गयी छूट से संबंधित 7.40 लाख दावे शामिल हैं. (इनपुट भाषा)