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इंश्योरेंस (Insurance) और निवेश में फर्क समझना बेहद जरूरी, जानें पूरा गणित

करीब 90 फीसदी लोग इंश्योरेंस (Insurance) के नाम पर या तो मनी बैक पॉलिसी या एंडोमेंट, या फिर यूलिप ले लेते हैं. इससे ना तो इंश्योरेंस का लक्ष्य पूरा हो पाता है और ना ही सही निवेश हो पाता है.

Updated on: 25 May 2019, 06:28 AM

highlights

  • मार्केट में टर्म इंश्योरेंस, एंडोमेंट प्लान, ULIP, मनी बैक, पेंशन प्लान और चाइल्ड इंश्योरेंस उपलब्ध
  • टर्म इंश्योरेंस से कम प्रीमियम में बड़ी कवरेज के साथ डिपेंडेंट को फाइनेंशियल स्टैबिलिटी मिलती है
  • टर्म इंश्योरेंस में एक्सिडेंटल डेथ बेनिफिट राइडर, क्रिटिकल इलनेस राइडर, डिसेबिलिटी राइडर उपलब्ध

नई दिल्ली:

देश में करीब 90 फीसदी लोग इंश्योरेंस (Insurance) के नाम पर या तो मनी बैक पॉलिसी या एंडोमेंट, या फिर यूलिप ले लेते हैं. जानकारों का कहना है कि इससे ना तो इंश्योरेंस का लक्ष्य पूरा हो पाता है और ना ही सही निवेश हो पाता है. सही मायने में इंश्योरेंस का काम टर्म पॉलिसी ही करता है. टर्म पॉलिसी से कम प्रीमियम में एक बड़ी राशि का बीमा हो जाता है. इस रिपोर्ट में इन्हीं सभी मुद्दों पर चर्चा करेंगे कि आपके लिए इंश्योरेंस कितना जरूरी है और कौन सी पॉलिसी आपके लिए बेहतर है.

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मार्केट में उपलब्ध इंश्योरेंस प्लान - Insurance plan available in the market
बाजार में इस समय कई तरह के इंश्योरेंस प्लान उपलब्ध हैं. इनमें टर्म इंश्योरेंस, एंडोमेंट प्लान, ULIP, मनी बैक लाइफ इंश्योरेंस, पेंशन प्लान और चाइल्ड इंश्योरेंस प्रमुख हैं.

टर्म इंश्योरेंस - Term Insurance

  • कम प्रीमियम में बड़ी कवरेज
  • डिपेंडेंट को फाइनेंशियल स्टैबिलिटी
  • मैच्योरिटी पर फायदे कम

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एंडोमेंट प्लान - Endowment Insurance Plan

  • प्रीमियम ज्यादा, बीमा की रकम कम
  • निश्चित टर्म के बाद एक मुश्त रकम मिलेगी
  • सालाना 4% के आसपास रिटर्न

मनी बैक लाइफ इंश्योरेंस - money back policy

  • तय पीरियड पर मनी बैक का विकल्प
  • मैच्योरिटी पर भी एक मुश्त रकम मिलेगी
  • सालाना 4% के आसपास रिटर्न

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यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP)

  • मार्केट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान है ULIP
  • प्रीमियम का कुछ हिस्सा जाता है लाइफ इंश्योरेंस में
  • प्रीमियम का बड़ा हिस्सा शेयर बाज़ार में निवेश करता है
  • इक्विटी और डेट दोनों में निवेश करने का ऑप्शन
  • मंथली या सालाना आधार पर भर सकते हैं प्रीमियम

टर्म इंश्‍योरेंस की लोकप्रियता कम क्यों? Why is the popularity of term insurance low?
टर्म इंश्‍योरेंस को लेकर लोगों में जागरूकता का अभाव है. साथ ही मैच्योरिटी पर फायदे कम होने से भी इसकी ओर लोगों का रुझान कम रहता है. वहीं जीवन बीमा पॉलिसी से मैच्योर होने के बाद कुछ रकम मिलती है, जबकि परंपरागत टर्म इंश्‍योरेंस से कोई रकम नहीं मिलती है.

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बदल गया है टर्म इंश्‍योरेंस का स्‍वरूप - Nature of Term Insurance changed
हालांकि अब मार्केट में ऐसे भी टर्म प्लान मौजूद हैं, जो कवर लेने वाले को मैच्योरिटी पर कुल प्रीमियम की राशि लौटा देते हैं. यानि अगर आपने टर्म प्लान लिया है और कवर अवधि के दौरान आपको कुछ भी नहीं हुआ तो कंपनी आपसे ली हुई कुल प्रीमियम की राशि आपको लौटा देगी. इस तरह के टर्म प्लान को टर्म इंश्योरेंस प्लान विद रिटर्न ऑफ प्रीमियम (TROP) कहा जाता है. इस तरह के प्लान का प्रीमियम थोड़ा अधिक होता है.

टर्म प्लान के साथ राइडर - Rider with Term Plan
समय के साथ जरूरत बदलती रहती है. बाजार में टर्म प्लान के साथ कई तरह के राइडर उपलब्ध हैं, जिनको आप अपनी पॉलिसी के साथ बहुत मामूली खर्चें पर जोड़ सकते हैं. इनमें मुख्य रूप से एक्सिडेंटल डेथ बेनिफिट राइडर, क्रिटिकल इलनेस राइडर, डिसेबिलिटी राइडर आदि शामिल हैं.

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मासिक आय का जरिया - Monthly income from term insurance
अगर बीमा लेने वाले व्यक्ति की पॉलिसी के दौरान अचानक मृत्यु हो जाती है और नॉमिनी मिलने वाले लाभ को एकमुश्त लेना नहीं चाहता है तो वह इसको मासिक आधार पर ले सकता है. बहुत सारे टर्म इंश्योरेंस प्लान में पहले से भी मासिक आधार पर राशि लेने की सुविधा है. अगर नॉमिनी चाहता है कि वह एक साथ राशि ले तो वह ऐसा बाद में भी कर सकता है.

कम प्रीमियम में बड़ा कवर - High Risk cover in low premium
टर्म प्लान लेने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह आपको कम प्रीमियम में बड़ा कवर देता है. आप 1 करोड़ रुपए का कवर बहुत ही कम प्रीमियम पर ले सकते हैं. ऐसा इसलिए है कि टर्म प्लान पूरी तरह से रिस्क प्लान होता है. इसलिए जो लोग कम प्रीमियम में बड़ा कवर लेना चाहते हैं, उनके लिए यह सबसे अच्छा विकल्प है. इसके साथ ही आप पॉलिसी टर्म के दौरान अपने कवर को चाहें तो बढ़ा भी सकते हैं. एक 35 साल के आदमी को 30 साल के लिए 1 करोड़ रुपये के कवर पर 12 से लेकर 15 हजार रुपए के बीच या आसपास देना पड़ सकता है.

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कितना कवर होना चाहिए
अगर आपकी उम्र 40 साल से कम है तो एश्‍योर्ड रकम आपकी सालाना आय की 15 गुना होनी चाहिए और अगर आपकी उम्र 40 से 45 साल के बीच है तो यह राशि आपकी सालाना आय की 10 गुना होनी चाहिए.