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निजी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, पेंशन को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के अनुसार EPFO द्वारा संचालित एग्जेंप्टेड ऑर्गेनाइजेशन में काम कर रहे कर्मचारी या फिर रिटायर्ड हो चुके कर्मचारियों को अब बगैर किसी कट ऑफ डेट या सैलरी की सीलिंग लिमिट के आधार पर मासिक पेंशन मिलेगी.

Updated on: 29 May 2019, 11:42 AM

highlights

  • एग्जेंप्टेड ऑर्गेनाइजेशन के कर्मचारी या फिर रिटायर्ड हो चुके कर्मचारियों के लिए तोहफा
  • बगैर किसी कट ऑफ डेट या सैलरी की सीलिंग लिमिट के आधार पर मासिक पेंशन मिलेगी
  • दिल्ली हाईकोर्ट का यह फैसला सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2016 में दिए गए फैसले का विस्तार

नई दिल्ली:

दिल्ली हाईकोर्ट ने निजी कर्मचारियों (Private Sector Employee) के पेंशन (EPS) को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दिल्ली हाईकोर्ट के 22 मई को सुनाए गए फैसले के अनुसार EPFO द्वारा संचालित एग्जेंप्टेड ऑर्गेनाइजेशन (exempted organization) में काम कर रहे कर्मचारी या रिटायर्ड कर्मचारियों को बगैर किसी कट ऑफ डेट या सैलरी की सीलिंग लिमिट के आधार पर मासिक पेंशन मिलेगी.

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इसके लिए कर्मचारियों की वास्तविक सैलरी को आधार बनाया जाएगा. गौरतलब है कि एग्जेंप्टेड ऑर्गेनाइजेशन में प्रॉविडेंट फंड (PF) को मैनेज करने के लिए एक ट्रस्ट होता है, जबकि अन-एग्जेंप्टेड ऑर्गेनाइजेशन के प्रॉविडेंट फंड को EPFO मैनेज करता है.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विस्तार है यह तोहफा
दिल्ली हाईकोर्ट का यह फैसला सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2016 में दिए गए फैसले का विस्तार है. 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने अन-एग्जेंप्टेड ऑर्गेनाइजेशन के कर्मियों को वास्तविक वेतन के आधार पर पेंशन दिए जाने का तोहफा दिया था. अंग्रेजी अखबार फाइनेंशियल एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के मुताबिक रिटायर्ड एंप्लाईज को अपने ट्रस्ट (पूर्व इंप्लॉयर) के पास पीएफ का पूरा पैसा देना होगा.

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पेंशन के लिए 15000 की लिमिट तय
एंप्लाइज पेंशन स्कीम (EPS 95) के अंतर्गत 1995 में 5000 रुपये की सीमा निर्धारित की गई थी. 2011 में बढ़ाकर 6500 और 2014 में बढ़ाकर 15 हजार रुपये कर दिया गया. गौरतलब है कि 15 हजार रुपये तक के वेतन का 8.33 फीसदी और इतनी ही राशि कंपनी की तरफ से मिलाकर इस स्कीम के तहत जमा होता है.