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क्रेडिट स्कोर (Credit Score) खराब है कोई बात नहीं, हम आपको बताएंगे इसे कैसे सही करें

समय पर कर्ज का भुगतान न करने पर, लोन डिफॉल्ट करने पर, लोन सेटलमेंट करने पर, क्रेडिट कार्ड के बिल का समय पर भुगतान न करने पर और दूसरे का लोन गारंटर बनने पर आपका क्रेडिट स्कोर (Credit Score) खराब होने की आशंका बढ़ जाती है.

Updated on: 01 Nov 2019, 01:28 PM

नई दिल्ली:

क्रेडिट स्कोर (Credit Score): कई बार ऐसा होता है कि किसी ने लोन (Loan) के लिए अप्लाई किया है, लेकिन उसे लोन नहीं मिल पा रहा है. बैंक (Banks) उसके खराब क्रे़डिट स्कोर (Credit Score) का हवाला देकर लोन देने से मान कर देते हैं. अब सवाल यह उठता है कि वह व्यक्ति अपना क्रे़डिट स्कोर सुधारने के लिए क्या करे. किन उपाय को चुने जिससे आने वाले दिनों में उसे आसानी से लोन मिल सके. हम अपनी इस रिपोर्ट के जरिए क्रेडिट स्कोर से जुड़ी सारी उलझनों को दूर करने की कोशिश करेंगे. वो कौन सी महत्वपूर्ण बातें है जिसपर आपको ध्यान रखना है, आइये उस पर नज़र डाल लेते हैं.

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क्रेडिट स्कोर कैसे होता है खराब?
समय पर कर्ज का भुगतान न करने पर, लोन डिफॉल्ट करने पर, लोन सेटलमेंट करने पर, क्रेडिट कार्ड के बिल का समय पर भुगतान न करने पर और दूसरे का लोन गारंटर बनने पर आपका क्रेडिट स्कोर खराब होने की आशंका बढ़ जाती है. इसलिए समय पर सभी तरह के भुगतान करने की कोशिश की जानी चाहिए.

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क्रेडिट स्कोर कैसे सुधारें?
आम लोगों को क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल सही तरीके से करना चाहिए. क्रेडिट कार्ड के सही इस्तेमाल से क्रेडिट स्कोर सुधरता है. इसके अलावा समय पर क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान करें. लिमिट का 30-40 फीसदी ही उपयोग करें. अगर लिमिट से ज्यादा खर्च हो गया हो तो इस पर गौर करना चाहिए. समय-समय पर क्रेडिट रिपोर्ट की समीक्षा करते रहें. क्रेडिट स्कोर खराब होने पर लोन मिलने में परेशानी होगी. अगर धोखाधड़ी हुई है तो रिपोर्ट से पता चल जाएगी. अगर रिपोर्ट में कोई गड़बड़ी है, तो लोन देने वाली एजेंसी से संपर्क करें.

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कैसे मिलेगी क्रेडिट रिपोर्ट?
क्रेडिट रिपोर्ट लेना बहुत आसान है. इसके लिए इंटरनेट पर कई वेबसाइट्स मौजूद हैं जहां से क्रेडिट रिपोर्ट लिया जा सकता है. वेबसाइट पर अकाउंट बनाकर रिपोर्ट हासिल किया जा सकता है. हालांकि अकाउंट बनाने के लिए आपको कुछ जानकारी देनी होगी. जानकारी देने के बाद आप अपना क्रेडिट रिपोर्ट देख पाएंगे. इसके अलावा कभी भी लोन, क्रेडिट कार्ड लेने के लिए सीधे कंपनी से संपर्क न करें. ऑनलाइन फाइनेंशियल मार्केटप्लेस के जरिए ही पूछताछ करें. पोर्टल्स की समीक्षा सॉफ्ट इन्क्वायरी मानी जाती है. सॉफ्ट इन्क्वायरी का असर क्रेडिट रिपोर्ट पर नहीं दिखाई देता है.

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क्रेडिट स्कोर का गणित समझें

  • 750 से अधिक बहुत अच्छा
  • 700-749 अच्छा
  • 650-699 ठीक ठाक
  • 550-649 खराब
  • 550 या कम बहुत खराब

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समय पर बिल का भुगतान करें
क्रेडिट स्कोर सही रखने के लिए यह बेहद जरूरी है कि क्रेडिट कार्ड के बिल, लोन की EMI का समय पर भुगतान हो. समय पर भुगतान नहीं करने पर लेट-पेमेंट फीस देनी पड़ती है, जिसका आपके क्रेडिट स्कोर पर निगेटिव असर पड़ता है. सिर्फ सिक्योर्ड ही नहीं अन-सिक्योर्ड लोन भी लेना चाहिए. ज्यादातर लोग होम, कार जैसे सिक्योर्ड लोन ही लेते हैं.

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पर्सनल लोन वगैरह अन-सिक्योर्ड लोन की श्रेणी में आते हैं. ऐसे में अन-सिक्योर्ड लोन का समय पर भुगतान करने से क्रेडिट स्कोर बेहतर होता है. अगर लोन गारंटर हैं, तो कोशिश करें कि जिसने लोन लिया है वो समय पर उसका भुगतान करे. अगर लोन का भुगतान समय पर नहीं किया गया तो क्रेडिट स्कोर खराब होने का खतरा है.