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Deadline से पहले भरें आईटीआर मिलेंगे ये 7 फायदे, 31 जुलाई है आखिरी तारीख

Benefits Of Filing ITR: अगर समय सीमा से पहले इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं किया जाता है तो आयकर विभाग द्वारा इसके लिए चार्जेस या आपराधिक कार्रवाई की जा सकती है. वहीं इस साल डेडलाइन आगे बढ़ने को लेकर भी स्थिति साफ हो चुकी है.

Updated on: 25 Jul 2022, 02:38 PM

highlights

  • एड्रेस प्रूफ के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है आईटीआर
  • दूसरे देशों की यात्रा पर वीजा के लिए आईटीआर जरूरी होता है

नई दिल्ली:

Benefits Of Filing ITR: फाइनेंशियल ईयर 2021-22 (Assessment Year 2022-23) के लिए आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई रखी गई है. टैक्सपेयर्स को डेडलाइन से पहले आईटीआर फाइल करना जरूरी है.अगर समय सीमा से पहले इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं किया जाता है तो आयकर विभाग द्वारा इसके लिए चार्जेस या आपराधिक कार्रवाई की जा सकती है. वहीं इस साल डेडलाइन आगे बढ़ने को लेकर भी स्थिति साफ हो चुकी है कि फिलहाल सरकार डेडलाइन को आगे बढ़ाने के विचार में नहीं है. बीते शुक्रवार को राजस्व सचिव ने साफ कर दिया है कि फिलहाल सरकार आईटीआर की डेडलाइन आगे बढ़ाने के विचारों में नहीं है.  आइये जानते हैं आईटीआर का भरना आपके लिए क्यूं जरूरी है. इनकम टैक्स रिटर्न समय पर फाइल करने बहुत से फायदे मिलते हैं.

ITR फाइल करने के बहुत से फायदे
अगर आईटीआर समय से फाइल किया जाता है तो विकसित देशों की यात्रा के लिए वीजा अप्लाई करने में आईटीआर की जरूरत पड़ती है. बहुत से देशों की विज़ा ऑथोरिटी आवेदक से 5 से 7 साल का आईटीआर की मांग करती है.


आईटीआर फाइल करने का फायदा बैंक से लोन लेने में भी मिलता है. बैंक से लोन लेने में इनकम का प्रूफ होता है. आईटीआर को इनकम के प्रूफ के लिए सरकारी और प्राइवेट दोनों संस्थानों में स्वीकार किया जाता है.

आईटीआर फाइल करना इंश्योरेंस कवर लेने  में भी मददगार होता है. खासकर 1 करोड़ रुपये से ज्यादा का बीमा कवर लेना हो तो बीमा कंपनियां आईटीआर की मांग करती हैं.

आईटीआर केवल इनकम का प्रूफ नहीं होता है. आईटीआर एड्रेस प्रूफ के लिए इस्तेमाल किया जाता है. जरूरी दस्तावेजों में एड्रेस प्रूफ के लिए के लिए आईटीआर का इस्तेमाल कर सकते हैं. क्यों कि आईटीआर की रिसिप्ट को टैक्सपेयर के रजिस्टर्ड पते पर ही भेजा जाता है.

अगर टैक्सपेयर अपना खुद का बिजनेस शुरु करना चाहता है तो उस स्थिति में भी आईटीआर किसी सरकारी संस्थान से कॉन्ट्रेक्ट दिलाने में मददगार होता है.

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कई बार टैक्सस्लैब में ना आने के बाद भी व्यक्ति का टीडीएस (Tax deduction at source) कट जाता है ऐसे में टैक्स के रिफंड के लिए भी आईटीआर भरना और भी जरूरी हो जाता है.

आईटीआर भरना बड़े लेन- देनों में भी काम आता है. म्युच्युअल फंड में बड़ा निवेश करते हैं तो आईटीआर आपका सुरक्षा कवच बनता है. बैंक में बड़ी जमाओं के लिए भी आईटीआर आपको आयकर विभाग के नोटिस से बचाने का काम करता है.