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Alert! लेने जा रहे हैं वाहन बीमा तो इन बातों का रखें ध्यान

इसलिए बीमा पॉलिसी पर क्यूआर कोड जरूर जांच लें। किसी भी वाहन का बीमा इसलिए कराया जाता हैं कि कोई दुर्घटना होने पर इसका लाभ ले सकें।

Updated on: 22 Jul 2019, 10:25 AM

highlights

  •  इन दिनों फर्जी बीमा के काफी मामले सामने आ रहे हैं.
  • एक ट्रक की बीमा पॉलिसी 50 हजार से 60 हजार रुपये प्रतिसाल तक होती है.
  • सस्ते बीमा के लालच में लोग हो रहे हैं फर्जी बीमा बनाने वालों के शिकार.

नई दिल्ली:

यदि आप अपने वाहन का बीमा (Insurance) कराने जा रहे हैं तो आपको सावधान रहने की जरुरत है. इन दिनों फर्जी बीमा के काफी मामले सामने आ रहे हैं. यदि आपको कोई बीमा एजेंट आपके वाहन का सस्ता बीमा करके देने की बात कहे तो आपको सजग रहने की जरुरत है क्योंकि हो सकता है कि आप भी फर्जीवाड़े का शिकार बन रहे हों. पिछले कई दिनों से इस तरह के कई मामले सामने आए हैं जिनमें ट्रकों और बसों के बीमा फर्जी पाए गए हैं. बता दें कि परिवहन विभाग के झुलझुली ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर में करीब दर्जन भर फर्जी बीमा वाले ट्रकों और बसों के मामले सामने आए है.

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इस पर परिवहन विभाग ने जब कार्रवाई करनी चाही तो बसों व ट्रकों के मालिक लौट गए और उन बीमा पॉलिसी को वापस लेकर नहीं आए क्योंकि उनका बीमा फर्जी था. इसके बाद से सेंटर के निरीक्षकों ने बीमा पॉलिसी के बारे में छानबीन शुरू की है अब हर बस, ट्रक की बीमा की पॉलिसी की जांच की जा रही है. पॉलिसी पर क्यूआर कोड की भी जांच की जा रही है.परिवहन विभाग झुलझुली में बसों व ट्रकों की फिटनेस जांच करता है. 

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बसों व ट्रकों के बीमा के लिए मोटी रकम देनी होती है. एक ट्रक की बीमा पॉलिसी 50 हजार से 60 हजार रुपये प्रतिसाल तक होती है.
कई बार ऐसे लोग सस्ता बीमा कराने के लालच में आ जाते हैं या अनजाने में भी कई बार लोग ऐसे लोगों से बीमा करा लेते हैं, जोकि पूरी तरह से फर्जी होता है. इसलिए बीमा पॉलिसी पर क्यूआर कोड जरूर जांच लें. किसी भी वाहन का बीमा इसलिए कराया जाता हैं कि कोई दुर्घटना होने पर इसका लाभ ले सकें. लेकिन अगर दुर्घटना होने या वाहन के चोरी होने पर आपको पता चले कि आपने जो बीमा कराया था, वह फर्जी था तो बीमा का लाभ नहीं मिल पाएगा.

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बीमा खरीदते समय जरुर चेक करें ये बातें
- बीमा खरीदते वक्त आपने डॉक्यूमेंट्स को क्रास चेक कर ले.
- ये देख लें कि आपने जो डिटेल्स दी हैं वो सही हैं या नहीं.
-ये चेक कर लें कि आपके द्वारा टैक्स काटा गया है कि नहीं.
-चेक कर लें कि आपके पेपर पर क्यूआर कोड है कि नहीं.
-कम प्रीमियम की बीमा पॉलिसी लेने से बचें.