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आरोग्य संजीवनी पॉलिसी (Arogya Sanjeevani Policy) में कवर होगा कोरोना वायरस का इलाज, जानिए पूरी Detail

Coronavirus (Covid-19): एक अप्रैल 2020 से देश की सभी सामान्य बीमा कंपनियों को आरोग्य संजीवनी पॉलिसी (Arogya Sanjeevani Policy) को लागू करना अनिवार्य हो गया है.

Updated on: 12 Apr 2020, 10:17 AM

नई दिल्ली:

Coronavirus (Covid-19): अक्सर देखा गया है कि गंभीर बीमारी होने की स्थिति में महंगा होने की वजह से आम आदमी अस्पताल में इलाज नहीं करा पाता है. इलाज के लिए लोगों के घर, खेत और ज्वैलरी तक को मजबूरी में बेचना पड़ता है. इन्हीं सब परिस्थितियों को देखते हुए सरकार ने इंश्योरेंस कंपनियों से सस्ती इंश्योरेंस पॉलिसी करने के दिशानिर्देश जारी किए थे. इंश्योरेंस रेग्युलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (Insurance Regulatory and Development Authority) ने आम लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इंश्योरेंस कंपनियों से 1 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक की एक स्‍टैंडर्ड हेल्‍थ इंश्‍योरेंस पॉलिसी (Standard Health Insurance Policy) आरोग्य संजीवनी पॉलिसी (Arogya Sanjeevani Policy) को कुछ समय पहले लॉन्च करने के दिशानिर्देश दिए थे.

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कोरोना वायरस का भी हो सकेगा इलाज

वहीं अब एक अप्रैल 2020 से देश की सभी सामान्य बीमा कंपनियों को इस पॉलिसी को लागू करना अनिवार्य हो गया है. मौजूदा समय में देश में काम कर रही लगभग सभी बीमा कंपनियों द्वारा इस पॉलिसी को लॉन्च कर दिया है. इस पॉलिसी में कोरोना वायरस (Corona Virus) के उपचार को भी शामिल करने का निर्णय लिया गया है.

नए प्रोडक्ट का नाम आरोग्य संजीवनी पॉलिसी

गौरतलब है कि मौजूदा समय में इंश्योरेंस कंपनियां कई तरह की हेल्थ पॉलिसी ऑफर कर रही हैं. सभी प्रोडक्ट के नियम, शर्तें और फायदे अलग-अलग होते हैं. सभी पॉलिसी में एकरूपता लाने के उद्देश्य से IRDAI ने यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इरडा का कहना है कि नए प्रोडक्ट का नाम आरोग्य संजीवनी पॉलिसी (Arogya Sanjeevani Policy) होगा. इरडा के अनुसार इंश्योरेंस कंपनियां इस पॉलिसी के आगे अपने नाम को जोड़ सकती हैं. इरडा का कहना है कि कंपनियां इस नाम को छोड़कर अन्य नाम का जिक्र नहीं कर सकेंगी.

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पॉलिसी को दूसरी कंपनी में पोर्ट की सुविधा

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आरोग्य संजीवनी पॉलिसी के अंतर्गत अधिकतम 5 लाख और न्यूनतनम 1 लाख के प्लान शामिल हैं. इस हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में किसी भी तरह के राइडर को नहीं जोड़ा जा सकेगा. इसके अलावा एडऑन भी नहीं किया जा सकेगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस पॉलिसी को एक इंश्योरेंस कंपनी से दूसरी कंपनी में पोर्ट किया जा सकेगा.

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जानकारों का कहना है कि चूंकि मौजूदा समय में मार्केट में एक जैसे कई सारे प्लान हैं जिसकी वजह से ग्राहकों के बीच संशय की स्थिति बनी रहती है. हालांकि अगर एक समान उत्पाद उपलब्ध रहता है तो ग्राहकों के लिए काफी आसानी हो जाएगी. जानकारों के मुताबिक इस प्रोडक्ट के आने के बाद एक समान सुविधाएं होने की वजह से बीमा उत्पादों की मिस सेलिंग पर भी लगाम लगेगी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ग्राहकों को इस हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के लिए सालाना, छमाही, तिमाही, मासिक आधार पर प्रीमियम भुगतान की सुविधा मिलेगी. इसके अलावा प्रीमियम की प्राइसिंग पर भी एकरूपता रहेगी. प्रीमियम के भुगतान के लिए ग्राहकों को सभी मोड के लिए 15 दिन का ग्रेस पीरियड दिया जाएगा.