आधार कार्ड पर बड़ा फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसकी वैधता को तो कायम रखा है लेकिन अलग-अलग कामों में इसकी अनिवार्यता को खत्म कर दिया है. अब आपको बैंक में खाते खुलवाने हो या फिर कोई वित्तीय सेवा लेनी हो आधार कार्ड अपने साथ रखना या पहचान पत्र के तौर पर दिखाना या देना अनिवार्य नहीं होगा. आधार कार्ड पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा आधार कार्ड आम आदमी की पहचान है.
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.के. सीकरी और न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर ने यह फैसला सुनाया. फैसला पढ़ते हुए जस्टिस एके सीकरी ने कहा कि ये जरूरी नहीं है कि हर चीज अच्छी हो, कुछ अलग भी होना चाहिए. उन्होंने कहा कि आधार कार्ड गरीबों की ताकत का जरिया बना है, इसमें डुप्लीकेसी की संभावना नहीं है.
अब बैंक नहीं मांग सकता आधार कार्ड
अब सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले के बाद अगर आप किसी बैंक में खाता खुलवाने जाते हैं या फिर कोई भी वित्तीय सेवा लेते हैं उसमें आप से बैंक या वित्तीय सेवा देने वाली सरकारी या निजी कंपनी या बैंक आधार कार्ड की जानकारी नहीं मांग सकती है।
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आप वहां अपने पहचान पत्र के तौर कोई भी दूसरा दस्तावेज दे सकते हैं। इससे आधार कार्ड में दर्ज आपकी गोपनीय जानकारी के सार्वजनिक होने की आशंका खत्म हो जाएगी और आपको ऐसे अनचाहे वित्तीय सेवाओं के लिए कंपनियों के फोन कॉल से भी आजादी मिल जाएगी क्योंकि उनके पास अब आपका डेटा नहीं होगा।
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गौरतलब है कि पहले बैंकिग में किसी भी सुविधा को पाने के लिए अपने खाते को आधार कार्ड से लिंग कराना अनिवार्य हो गया था जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान रोक लगा दी थी।
Source : News Nation Bureau