नागपुर में 9 मार्च से शुरू होगा पतंजलि का नया प्लांट, सिटरेस-ट्रॉपिकल फ्रूट्स को करेंगे प्रोसेस

Patanjali: नागपुर में चार दिन बाद यानी 9 मार्च को पतंजलि का नया प्लांट शुरू होने वाला है. उम्मीद है कि इस प्लांट से 10 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा. ये पतंजलि का फ्रूट्स एंड वैजीटेहबल्स प्रोसेसिंग प्लांट है.

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Jalaj Kumar Mishra
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patanjali New company formed in Nagpur Fruit Processing unit

patanjali New Company

बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि मेगा फूड एंड हर्बल पार्क नागपुर के मिहान में तैयार है. 9 मार्च से कंपनी का परिचालन शुरू हो जाएगा. मिहान में यूनिट स्थापित करने के लिए सितंबर 2016 में भूमिपूजन किया गया था. बता दें, नागपुर स्थित पतंजलि की ये यूनिट फ्रूट्स एंड वैजीटेहबल्स प्रोसेसिंग प्लांट है. यहां ट्रॉपिकल और सिटरस फलों और सब्जियों को प्रोसेस करके जूस, पल्प, पेस्ट और प्यूरी का उत्पादन किया जाएगा. 

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100 परसेंट नेचुरल होंगे जूस

नागपुर को ऑरेंज सिटी कहा जाता है. नागपुर में संतरा, कीनू, मौसम्मी और नीबूं जैसे खट्टे फल का उत्पादन अधिक है. नागपुर की इसी खासियत को ध्यान में रखते हुए पतंजलि ने यहां सिटरस प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना की है. ये जूस 100 प्रतिशत प्राकृतिक होगा. खास बात है कि इसमें किसी भी प्रकार के प्रिजर्वेटिव्स या शुगर का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. 

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ट्रॉपिकल फ्रूट्स की भी होगी प्रोसेसिंग

सिटरस फलों के अलावा, यहां ट्रॉपिकल फ्रूट्स की भी प्रोसेसिंग की जाएगी. जैसे- आंवला 600 टन (प्रतिदिन), आम 400 टन (प्रतिदिन), अमरूद 200 टन (प्रतिदिन), पपीता 200 टन (प्रतिदिन), गाजर 160 टन (प्रतिदिन), एलोविरा 100 टन (प्रतिदिन) सहित अन्य फलों को भी प्रोसेस किया जा सकता है. वैश्विक मानकों के अनुसार, प्लांट में जूस, पल्प, प्यूरी और पेस्ट का उत्पादन किया जा सकता है. इस प्रक्रिया को प्राइमरी प्रोसेसिंग कहा जाता है. 

टेट्रा पैक यूनिट भी बनेगी

इसके अलावा, रीटेल पैकिंग की प्रक्रिया को सेकेंडरी प्रोसेसिंग कहा जाता है. नागपुर की फैक्ट्री में इसके लिए टेट्रा पैक यूनिट भी तैयार की जाएगी. बता दें, पतंजलि लोगों को आरोग्य देती है. उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य को ध्यान में देते हुए टैट्रा पैक एसेप्टिक पैकेजिंग में किसी भी प्रकार के प्रिजर्वेटिव या शुगर के इस्तेमाल का प्रयोग नहीं किया जाएगा. 

फलों के वेस्ट को भी नहीं होने दिया जाएगा बर्बाद

खास बात है कि कंपनी में फलों के वेस्ट को भी बर्बाद नहीं किया जाएगा. जैसे संतरे के छिलके में एक कोल्ड प्रेस तेल होता है, बाजार में ये काफी महंगा होता है तो छिलके को फेंकने की बजाए तेल निकाला जाएगा.

संतरे की मदद से ऑयल और वॉटर बेस्ट अरोमा एसेंस भी निकाला जाएगा. संतरे का छिलका कॉस्मैटिक के लिए बेस्ट है, इसलिए छिलके को ड्राई करके पाउडर बनाया जाएगा. इसी प्रकार किसी भी फल के वेस्ट को खराब नहीं होने दिया जाएगा. वेस्ट से भी चीजें निकाली जाएंगी.

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आटा मिल भी स्थापित

पंतजलि की यूनिट इस यूनिट में आटा मिल भी स्थापित की गई है. हर दिन 100 टन गेहूं को प्रोसेस किया जाएगा. आटा पतंजलि के जालना, तेलंगाना और आंध्रा सहित अन्य बिस्किट के यूनिट में सप्लाई की जाएंगी. पतंजलि सीधा किसानों से गेंहू खरीदेगी. डिमांड ज्यादा होगी तो ट्रेडर और एफसीआई से भी संपर्क किया जा सकता है.  

10 हजार लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद

नागपुर प्लांट की मदद से पतंजलि ने अभी डायरेक्ट और इनडायरेक्ट रूप से 500 लोगों को रोजगार दिया है. आगे जैसे-जैसे काम बढ़ेगा, वैसे-वैसे संख्या बढ़ती जाएगी. उम्मीद है कि प्लांट जल्द ही 10 हजार लोगों को रोजगार देगी. प्लांट से 1000 करोड़ का टर्नओवर आएगा. प्लांट में अब तक 700 करोड़ का निवेश किया जा चुका है. 1500 करोड़ के निवेश की प्लानिंग है. प्लांट के स्थापित होने से क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर का भी विकास होगा.

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