विदर्भ में पतंजलि मेगा फूड एंड हर्बल पार्क बदलेगा ऑरेंज एग्रीकल्चर की तस्वीर, दागदार संतरों की भी मिलेगी बेहतर कीमत

Patanjali Mega Food and Herbal Park : पतंजलि मेगा फूड एंड हर्बल पार्क के इस प्लांट की खासियत यह है कि यहां बाय-प्रोडक्ट्स को वेस्ट होने नहीं दिया जाएगा. संतरे का जूस निकालने के बाद उसके छिलके को भी प्रयोग में लाया जाएगा.

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Mohit Sharma
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Patanjali Mega Food and Herbal Park

Patanjali Mega Food and Herbal Park Photograph: (Social Media)

Patanjali Mega Food and Herbal Park : महाराष्ट्र में नागपुर का मिहान अब किसानों के लिए किसी वरदान की तरह साबित होगा. यहां योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के पतंजलि के मेगा फूड और हर्बल पार्क प्लांट में काम शुरू हो गया है. यह प्लांट एशिया का सबसे बड़ा फूड और हर्बल पार्क बताया जा रहा है.रविवार 9 मार्च को इसका उद्घाटन सड़क परिवहन, राजमार्ग और जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी एवं महाराष्ट्र के सीएम देवेन्द्र फडणवीस ने किया. प्लांट शुरू होने के बाद विदर्भ के किसानों को इसका सबसे ज्यादा लाभ मिलने की उम्मीद है. 

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प्लांट में हर रोज 800 टन संतरों की जरूरत

इस जूस प्लांट में हर रोज 800 टन संतरों की जरूरत होगी. प्लांट उद्घाटन के दो दिनों के भीतर ही क्षेत्र के किसानों को बी और सी ग्रेड के संतरों की कीमत 22 रुपए प्रति किलो के हिसाब से मिलने लगी. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बाजार में B और C ग्रेड के संतरों को छोटे और दागदार के तौर पर माना जाता है, जिसकी वजह से इन संतरों को खरीदने से मना कर दिया जाता है. लेकिन अब वही छोटे और दागदार संतरे 22 रुपए किलो की दर से बिकने लगे हैं, जिसका सीधा फायदा किसानों को मिल रहा है. 

पतंजलि के फूड और हर्बल पार्क प्लांट
पतंजलि के फूड और हर्बल पार्क प्लांट Photograph: (Social Media)

अब दागदार संतरों की भी मिलेगी अच्छी कीमत

एक रिपोर्ट के अनुसार विदर्भ में हर साल संतरों के बाग में 15 से 20 प्रतिशत संतरे टाइम से पहले गिरकर खराब हो जाते हैं. टाइम से पहले गिरने वाले संतरों का साइज या तो छोटा होता है या फिर उनके छिलके दागदार हो जाते हैं. यही वजह है कि ऐसे संतरों को मार्केट में अच्छा रेट नहीं मिलता, जिसकी वजह से किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है. लेकिन अब जूस प्लांट में ऐसे संतरों को 22 रुपए प्रति किलो की दर तक खरीदा जाएगा, जिससे किसानों की आय के नए रास्ते खुल गए हैं. 

संतरे का छिलका भी आएगा काम

पतंजलि के इस प्लांट की खासियत यह है कि यहां बाय-प्रोडक्ट्स को वेस्ट होने नहीं दिया जाएगा. संतरे का जूस निकालने के बाद उसके छिलके को भी प्रयोग में लाया जाएगा. विशेषज्ञों के अनुसार संतरे के छिलके में कोल्ड प्रेस ऑइल होता है, जिसकी मार्केट में भारी मांग है. इसके अलावा संतरों से निकलने वाले प्रीमियम पल्प का इस्तेमाल नागपुर ऑरेंज बर्फी में किया जाता है. संतरे के छिलके से बने पाउडर का इस्तेमाल सौंदर्य प्रसाधनों के निर्माण में किया जाता है. यानी कुल मिलाकर पतंजलि मेगा फूड एंड हर्बल पार्क से विदर्भ के किसानों को न सिर्फ जीने का मकसद मिलेगा बल्कि आजीविका का बेहतर साधन भी मिलेगा.  

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