राजधानी में पानी की किल्लत, क्यों प्यास बुझाने के लिए हजारों रुपये करने पड़ रहे खर्च?
देश की राजधानी दिल्ली में पानी की किल्लत बढ़ती जा रही है. मई जून की तपती गरमी में पानी की डिमांड में लगातार इजाफा हो रहा है.
नई दिल्ली:
देश की राजधानी दिल्ली में पानी की किल्लत बढ़ती जा रही है. मई जून की तपती गरमी में पानी की डिमांड में लगातार इजाफा हो रहा है. जनता की शिकायत है कि महीने के 7-8 हजार रुपया पीने का पानी खरीदने में खर्च हो रहा है. लोगों का कहना है कि किल्लत के कारण लोग दो-दो दिन तक नहीं नहा पा रहे हैं. यहां तक की पौधों को पानी देना मुश्किल हो रहा है. देश की राजधानी दिल्ली में हरियाणा से पानी ना मिलने के कारण यमुना नदी सूख रही है. वहीं दूसरी तरफ दिल्लीवासियों के नल भी सूख गए हैं. दिल्ली जल बोर्ड ने एक सूचना में कहा कि यमुना के वजीराबाद वाटर वर्क्स में जल स्तर 674.50 फीट से घटकर 669.40 फीट रह गया है. इसके साथ ही हरियाणा से यमुना का पानी छोड़ने में भी कमी आई है.
ऐसे में दिल्ली जल बोर्ड की ओर से सोमवार को जारी एक सूचना में कहा गया है कि वजीराबाद वाटर वर्क्स में यमुना का सामान्य जल स्तर 674.50 मीटर की तुलना में घटकर 669.40 फीट होने के कारण और यमुना नदी में हरियाणा द्वारा कम पानी छोड़े जाने की वजह से वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला में वाटर ट्रीटमेंट प्लांटों में पानी का उत्पादन प्रभावित हुआ है.
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