ऑपरेटर्स पर नजर, ग्राहकों को चैनल चुनने की नहीं दे रही स्वतंत्रता: TRAI

जीएसटी समेत कैपिसिटी फीस ही 153 हो रही है और ऐसे में चुनिंदा चैनल लेने पर भी बिल आसानी से 300 रुपये के पार कर जाता है.

जीएसटी समेत कैपिसिटी फीस ही 153 हो रही है और ऐसे में चुनिंदा चैनल लेने पर भी बिल आसानी से 300 रुपये के पार कर जाता है.

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Deepak Kumar
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ऑपरेटर्स पर नजर, ग्राहकों को चैनल चुनने की नहीं दे रही स्वतंत्रता: TRAI

लोकप्रिय चैनलों की कीमत बढ़ने से ग्राहकों का बिल बढ़ा

ट्राइ ने एक फरवरी से यह कहते हुए नया पैकेज लागू किया था कि अब से ग्राहक सिर्फ उन्हीं चैनलों का पैसा देंगे, जिन्हें उन्होंने चुना है, लेकिन लोकप्रिय चैनलों की कीमत बढ़ने से ग्राहकों का बिल बढ़ गया है. जीएसटी समेत कैपिसिटी फीस ही 153 हो रही है और ऐसे में चुनिंदा चैनल लेने पर भी बिल आसानी से 300 रुपये के पार कर जाता है. इस बारे में विशेष जानकारी देते हुए ट्राई चेयरमैन आरएस शर्मा ने कहा, 'कुछ लोगों की शिकायत आई हैं कि ऑपरेटर ग्राहक को उसके मुताबिक चैनल चुनने की स्वतंत्रता नहीं दे रहा है लेकिन हम ऐसे ऑपरेटर्स पर नज़र बनाए हुए हैं. यह ज़रूर है कि नए नियमों के आने के बाद उसे पूरी तरह लागू होने में समय लग रहा है.'

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उन्होंने आगे कहा, 'कुछ खबरें आ रही हैं कि कीमत ज़्यादा हो रही है, लेकिन कीमत हमारा उद्देश्य नहीं है. हमारा मकसद जनता को चैनल चुनने की स्वतंत्रता देना है. उपभोक्ता के चुनाव के आधार पर चैनल चुनने की प्रक्रिया लगातार बदलती रहेगी. तमिल, हिंदी, तेलगु और बांग्ला भाषा के कई ऐसे चैनल हैं जो एक साथ नहीं देखे जाते. कुछ ऐसे चैनल भी हैं जिसकी भाषा तो अलग होती है लेकिन कंटेट एक ही होता है.'

आरएस शर्मा ने आगे केबल ऑपरेटर्स का पक्ष रखते हुए कहा, 'हम जानते हैं आज कई ऑपरेटर्स सिस्टम को स्ट्रीम लाइन से जोड़ने में व्यस्त हैं. IMCL ने 1.5 मिलियन डाटा तैयार किया है जिसमे लोग पहले 325 रुपये देते थे जो अब 275 रुपये की कीमत पर पहुंची है. हम इस मामले में पारदर्शिता चाहते हैं, इसलिए हर मामले में बारीकी से अध्यन किया जा रहा है.'

वहीं ट्राई के सचिव एसके गुप्ता ने कहा, 'हमारा उद्देश्य ग्राहकों को मजबूत करना है जिससे कि वह ख़ुद तय करे कि उन्हें क्या देखना है. किस चैनल को लोग ज़्यादा पसंद कर रहे हैं यह जानने के लिए टीआरपी के आधार पर लोगों का रुझान देखा जा रहा है.'

वहीं 25 फीसदी रेट बढ़ने को लेकर उन्होंने कहा कि इस तरह के सभी आरोप ग़लत हैं.

इससे पहले गुप्ता ने कहा था कि बहु प्रणाली सेवा देने वाले सेवाप्रदाताओं ने भी हमें आश्वस्त किया है कि ग्राहकों को किसी भी परेशानी से बचाने के लिए वह कुछ चैनलों को उपलब्ध कराते रहेंगे साथ ही साथ ग्राहकों की पसंद के हिसाब से चैनलों के चुनाव के काम को अंजाम देते रहेंगे.

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उल्लेखनीय है कि एक फरवरी से देश में केबल टीवी और डीटीएच सेवाओं के लिए नयी शुल्क व्यवस्था लागू की गई है. इसमें ग्राहकों को सिर्फ अपनी पसंद के चैनल के लिए भुगतान करना होगा ना कि पूरे पैकेज के लिए. देश में केबल सेवा का उपयोग करने वाले ग्राहकों का प्रतिशत 62 और डीटीएच सेवा का 30 प्रतिशत है.

Source : News Nation Bureau

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