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दिल्ली में व्यापारियों द्वारा 15 मई तक लॉकडाउन लगाने की मांग, 30 अप्रैल को मीटिंग में होगा अंतिम निर्णय

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल एवं प्रदेश अध्यक्ष विपिन आहूजा ने बताया वीडियो कॉन्फ्रेंस में शामिल प्रमुख व्यापारी संगठनों ने कोरोना से उपजी वर्तमान दर्दनाक स्तिथि और उपलब्ध मेडिकल ढांचा जो पूरी तरह ध्वस्त हो चुका है पर गंभीर चर्चा की.

Updated on: 29 Apr 2021, 10:00 AM

highlights

  • 15 मई 2021 तक दिल्ली में लॉकडाउन लगाने का आग्रह किया जाए. वर्तमान लॉक डाउन 3 मई को समाप्त हो रहा है
  • मीटिंग में व्यापारी नेताओं ने कहा की ऐसी स्थिति में दुकान खोलना व्यापारियों के लिए बड़ी मुश्किल पैदा कर सकता है

नई दिल्ली :

दिल्ली में कोरोना महामारी की वर्तमान स्थिति और दिल्ली में जारी वर्तमान लॉकडाउन पर चर्चा करने के लिए कल शाम कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (The Confederation of All India Traders-CAIT) ने दिल्ली के प्रमुख व्यापारी नेताओं की एक मीटिंग वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये बुलाई जिसमें दिल्ली के सभी भागों के प्रमुख व्यापारी संगठनों के 95 से अधिक व्यापारी नेता शामिल थे. मीटिंग में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया की दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से आगामी 15 मई 2021 तक दिल्ली में लॉकडाउन लगाने का आग्रह किया जाए. वर्तमान लॉक डाउन 3 मई को समाप्त हो रहा है. कैट ने आज दिल्ली के उपराजयपाल अनिल बैजल से आग्रह किया की दिल्ली की व्यापारी संस्थाओं के सहयोग हेतु वो कोई एक नोडल अफसर नियुक्त कर दें जिनके साथ मिलकर दिल्ली के व्यापारी संगठन सरकार की मदद कर सकें.

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दिल्ली में करोना को लेकर हालात बहुत ही खराब: कैट
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल एवं प्रदेश अध्यक्ष विपिन आहूजा ने बताया वीडियो कॉन्फ्रेंस में शामिल दिल्ली के सभी प्रमुख व्यापारी संगठनों ने करोना से उपजी वर्तमान दर्दनाक स्तिथि और उपलब्ध मेडिकल ढांचा जो पूरी तरह ध्वस्त हो चुका है पर बेहद गंभीर चर्चा की. उन्होंने बताया की सभी व्यापारी नेताओं ने एक स्वर से कहा की दिल्ली में करोना को लेकर हालात बहुत ही खराब हैं. किसी हॉस्पिटल में बिस्तर नहीं है, ऑक्सिजन की भारी कमी है , करोना के इलाज के लिए ज़रूरी दवाइयां मिल नहीं रही हैं, ऑक्सिजन सिलेंडर भी नहीं मिल रहा है, ऑक्सीजन सिलेंडर की रिफिलिंग की कोई ठोस व्यवस्था नहीं है. दिल्ली में लोगों की मृत्यु दर संख्या प्रति दिन दिन बढ़ती ही जा रही है.

कैट के प्रदेश महामंत्री देवराज बवेजा एवं आशीश ग्रोवर ने बताया की मीटिंग में व्यापारी नेताओं ने कहा की ऐसी स्थिति में दुकान खोलना व्यापारियों के लिए बड़ी मुश्किल पैदा कर सकता है. यदि कोई एक भी व्यापारी, उनका कर्मचारी अथवा ग्राहक करोना संक्रमित हो गया तो वर्तमान चिकित्सा व्यवस्था के मद्देनज़र इलाज मिलना भी मुश्किल हो जाएगा. उन्होंने कहा की व्यापारी नेताओं ने स्पष्ट रूप से कहा की लॉक डाउन का सबसे बुरा असर व्यापारियों पर ही पड़ता है लेकिन वर्तमान हालातों को देखते हुए लॉक डाउन के अलावा कोई दूसरा रास्ता भी नहीं है ! मीटिंग में यह भी कहा गया की दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी दिल्ली में कोरोना की बदतर स्तिथि का संज्ञान लिया है और यह माना है की दिल्ली में हाळात बेहद गंभीर है.

कैट के प्रदेश चैयरमैन सुशील गोयल एवं प्रदेश महामंत्री सतेंद्र वधवा ने बताया की इन सब स्थितियों पर लम्बे विचार के बाद सभी ने सर्वसम्मति से यह सुझाव स्वीकार किया की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए सरकार से आग्रह किया जाए की दिल्ली में आगामी 15 मई तक लॉक डाउन घोषित किया जाए जिसका सख़्ती से पालन हो ताकि दिल्ली में तेजी से बाद रही कोरोना की चेन को किसी भी तरह तोड़ा जा सके. अभी दिल्ली में ऐसे हालात नहीं है जिनके चलते बाज़ार खोले जा सकें. इस हेतु निर्णय हुआ की एक तरफ़ दिल्ली के उपराज्यपाल से मांग की जाए की दिल्ली में लॉकडाउन 15 मई तक घोषित किया जाए इसी बीच गुरुवार एवं शुक्रवार तक दिल्ली में सभी भागों के व्यापारी संगठनों से 15 मई तक लॉकडाउन करने के विषय में बातचीत कर उनका मत भी जाना जाए. अब इस विषय पर दिल्ली के व्यापारी संगठनों की एक वीडियो कांफ्रेंस 30 अप्रैल को होगी जिसमें 15 मई तक लॉक डाउन करने का अंतिम रूप से निर्णय लिया जाएगा.

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कोरोना जांच भरोसेमंद नहीं: अशोक सेठ
मीटिंग में दिल्ली के वरिष्ठ व्यापारी नेता सुरेश बिंदल ने कहा की जो लोग कोरोना के वर्तमान समय में दवाइयों, मेडिकल उपकरण तथा अन्य वस्तुओं की कालाबाज़ारी कर रहे हैं सरकार को उनके खिलाफ सख्त कदम उठाना चाहिए और एक फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट गठित कर उनको कड़े से कड़ा दंड देना चाहिए. राजीव बत्रा ने कहा की 1 मई से 18 वर्ष से ऊपर के व्यक्तियों के टीकाकरण के लिए जो राशि तय की गई है वो बेहद ज्यादा है और उस राशि को तीन सौ रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए. कमल आहूजा ने कहा की घरों में उपयोग होने वाले गैस सिलेंडर में थोड़ा तकनीकी बदलाव करते हुए ऑक्सीजन सिलेंडर में बदला जाए जिससे सिलेंडर की कमी को पूरा किया जा सके. अशोक सेठ ने कहा की जो आरटीपीसीआर हो रहे हैं वो भरोसेमंद नहीं है लिहाजा सरकार द्वारा उसको देखा जाना बेहद जरूरी है. जब मरीज हॉस्पिटल में भर्ती है तो क्यों हॉस्पिटल मरीज को रैमिडीसीवीर जैसी दवा बाहर से लाने के लिए कहते हैं. इसी तरह से अनेक हॉस्पिटल मरीज को ऑक्सीजन का इंतजाम भी करने के लिए कह रहे हैं. सरकार को इस प्रवृति को तुरंत रोकना चाहिए.