एयरपोर्ट के निजीकरण को लेकर मोदी सरकार का ये है प्लान, जानिए क्या
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नागर विमानन सचिव प्रदीप सिंह खरोला का कहना है कि सरकार 2022 से एयरपोर्ट के निजीकरण को लेकर तैयारी शुरू कर रही है.
highlights
- मोदी सरकार ने 2022 से एयरपोर्ट के निजीकरण को लेकर तैयारी शुरू की: नागर विमानन सचिव
- पहले चरण में 6 से 10 एयरपोर्ट का चयन करके 50 साल के लिए निजी क्षेत्र को सौंपा जाएगा
- वित्त वर्ष 2021-22 के लिए उड़ान स्कीम के बजट को बढ़ाकर 600 करोड़ रुपये किया गया
नई दिल्ली :
केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने 2022 से एयरपोर्ट (Airports) के निजीकरण को लेकर तैयारी शुरू कर दी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नागर विमानन सचिव प्रदीप सिंह खरोला (Pradeep Singh Kharola) का कहना है कि सरकार 2022 से एयरपोर्ट के निजीकरण को लेकर तैयारी शुरू कर रही है. उनका कहना है कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (Airports Authority Of India-AAI) निजीकरण की संभावनाओं को लेकर जांच कर रही है. उनका कहना है कि हवाईअड्डों के निजीकरण के तीसरे चरण के तहत करीब 10 एयरपोर्ट के लिए अवार्ड जारी करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. उन्होंने कहा कि फायदे में चल रहे और नुकसान का सामना कर रहे हवाई अड्डों को एक पैकेज के तहत किस तरीके से निजीकरण किया जा सकता है इसकी समीक्षा एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया कर रहा है.
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पहले चरण में चयनित किए गए एयरपोर्ट को 50 साल के लिए निजी क्षेत्र को सौंपा जाएगा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विमानन सचिव प्रदीप सिंह खरोला का कहना है कि पहले चरण में 6 से 10 एयरपोर्ट का चयन किया जाएगा. इसके अलावा इन एयरपोर्ट को 50 साल के लिए निजी क्षेत्र को सौंप दिया जाएगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एयर इंडिया (Air India) के विनिवेश के सवाल पर उन्होंने कहा है कि इस विषय पर बातचीत आखिरी चरण में है. उनका कहना है कि एयर इंडिया से आशय यह है कि यह हमारे परिवार का हिस्सा है. इस परिवार में एयर इंडिया एक्सप्रेस, AISATS और पवन हंस का शामिल किया गया है. उन्होंने रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम उड़ान (UDAN) पर बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि इस स्कीम के लिए बजट को 430 करोड़ रुपये से बढ़ा दिया गया है. उनका कहना है कि वित्त वर्ष 2021-22 के लिए बजट को बढ़ाकर 600 करोड़ रुपये कर दिया गया है.
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किराये की मौजूदा व्यवस्था स्थायी नहीं: नागर विमानन सचिव
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रदीप सिंह खरोला ने कहा है कि सरकार का पूरा ध्यान देशभर के 100 एयरपोर्ट के विकास पर है. उन्होंने कहा है कि विमानन कंपनियों के लिए निर्धारित किए गए किराये की न्यूनतम और अधिकतम सीमा के दायरे को स्थायी व्यवस्था नहीं बनाया गया है. उन्होंने कहा कि स्थिति सामान्य होने पर इस व्यवस्था को समाप्त कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा है कि मंत्रालय की नजर यात्रियों की संख्या पर है और किराया दायरा स्थायी व्यवस्था नहीं है. उन्होंने कहा कि परिचालन के सामान्य स्तर पर आने के बाद कीमत का दायरा खत्म हो जाएगा. बता दें कि लॉकडाउन में मई में विमान परिचालन को शुरू किया गया था. गौरतलब है कि किराये की सीमा को नवंबर के दौरान बढ़ाकर 24 फरवरी तक कर दिया गया था.
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