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कांग्रेस शासित इन राज्यों में अडानी ग्रुप को मिले ये कारोबारी मौके, जानिए कितने हजार करोड़ के हैं प्रोजेक्ट

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गौतम अडानी (Gautam Adani) की कंपनी अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनामिक जोन (एपीएसईजेड) ने महाराष्ट्र में दीघी पोर्ट्स लिमिटेड का अधिग्रहण पूरा कर लिया है.

Updated on: 18 Feb 2021, 03:06 PM

highlights

  • अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनामिक जोन ने महाराष्ट्र में दीघी पोर्ट्स लिमिटेड का अधिग्रहण पूरा किया
  • कंपनी ने इस बंदरगाह के विकास के लिए 10,000 करोड़ रुपये निवेश करने का ऐलान किया 

नई दिल्ली:

एक ओर जहां मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस (Congress) केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार के ऊपर लगातार यह आरोप लगाती रहती है कि वह देश के कुछ चुनिंदा उद्योगपतियों के लिए ही काम कर रही है. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस खुद भी इन उद्योगपतियों को कांग्रेस शासित राज्यों में कारोबार के मौके दे रही है. दरअसल, मोदी सरकार के ऊपर विपक्ष लगातार आरोप लगाता रहता है कि वह इन उद्योगपतियों को सपोर्ट करती है और इन्हें कई कारोबारी फायदे पहुंचाए गए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गौतम अडानी (Gautam Adani) की कंपनी अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनामिक जोन (एपीएसईजेड) ने महाराष्ट्र में दीघी पोर्ट्स लिमिटेड का अधिग्रहण पूरा कर लिया है. कंपनी ने महाराष्ट्र का प्रमुख माल परिवहन केंद्र बनाने के उद्देश्य से इस बंदरगाह के विकास के लिए 10,000 करोड़ रुपये निवेश करने का ऐलान किया है. 

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जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट के विकल्प के तौर पर दीघी पोर्ट्स लिमिटेड का विकास करने की योजना
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कंपनी की ओर से जारी बयान के अनुसार जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट के विकल्प के तौर पर दीघी पोर्ट्स लिमिटेड का विकास करना है. कंपनी इसके विकास के लिए पूरी तरह से तैयार है और 10 हजार करोड़ रुपये के निवेश किया जाना है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बंदरगाह के विकास से उत्तर कर्नाटक, पश्चिम तेलंगाना, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के उपभोक्ताओं को सेवाएं उपलब्ध कराने में मददगार साबित होगी. बता दें कि अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनामिक जोन ने दिवालिया प्रक्रिया के तहत दीघी पोर्ट लिमिटेड का 705 करोड़ रुपये में पूर्ण अधिकरण कर लिया है.

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बता दें कि पिछले साल जून 2020 में अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईेएल) ने भारतीय सौर ऊर्जा निगम (एसीसीआई) से अपनी तरह की पहली विनिर्माण सहित सौर परियोजना हासिल की थी. एजीईएल ने बताया कि ठेके के तहत वह आठ गीगावाट की सौर परियोजना का विकास करेगी और साथ ही दो गीगावाट के अतिरिक्त सौलर सेल और माड्यूल विनिर्माण क्षमता की स्थापना भी की जाएगी. कंपनी ने बताया कि दुनिया में ये अपनी तरह का सबसे बड़ा ठेका है, और इसके लिए 45,300 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा और इससे चार लाख लोगों को प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा. कंपनी ने बताया कि इस ठेके के साथ ही कंपनी 2025 तक 25 गीगावाट उत्पादन क्षमता तैयार करने के अपने लक्ष्य के करीब पहुंच जाएगी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अडानी समूह राजस्थान और गुजरात में अपनी ईकाई को स्थापित कर सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राजस्थान सरकार की ओर से कंपनी को राज्य के कई शहरों में सोलर इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है.