टाटा संस से जारी विवाद के बीच साइरस मिस्त्री ने केंद्र सरकार से हस्तक्षेप करने की अपील की है। मिस्त्री ने कहा कि केंद्र टाटा के ट्रस्टों में हस्तक्षेप कर उनकी संचालन व्यवस्था में आई गड़बड़ियों का उपचार कर उन्हें ठीक करे। मिस्त्री ने सोमवार को कहा कि 'टाटा समूह किसी की निजी जागीर नहीं है।'
टाटा समूह की छह बड़ी कंपनियों के शेयरधारकों की असाधारण आम बैठकों (ईजीएम) से पहले मिस्त्री ने कहा है कि टाटा के ट्रस्टों की संचालन व्यवस्था अधिक जवाबदेह और पारदर्शी होनी चाहिए।
जिसपर टाटा संस ने भी सफाई दी है। बयान में कहा, 'जमशेद जी टाटा, उनके दो बेटे की वसीयत में निहित नियमों के अनुसार ट्रस्ट चल रहा है।' टाटा संस ने कहा, 'मिस्त्री के बयान ने समूह का बड़ा नुकसान किया है। इससे शेयर होल्डर्स का हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।'
टाटा संस ने मिस्त्री पर आरोप लगाये हैं। टाटा ने कहा, 'बड़ी कंपनियों के चेयरमैन के तौर पर मिस्त्री ने सभी शक्तियां और अधिकार अपने पास रख लिये थे।'
ईजीएम की बैठक में टीसीएस व टाटा मोटर्स सहित छह कंपनियों की बैठकों में मिस्त्री को निदेशक पद से हटाए जाने के प्रस्ताव पर फैसला किया जाना है। टाटा के ट्रस्ट समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के प्रमुख शेयरधारक हैं।
मिस्त्री ने अपने पत्र में कहा, 'टाटा समूह की किसी की निजी जागीर नहीं है। यह किसी एक व्यक्ति का नहीं है, न ही यह टाटा के ट्रस्टियों का है, न ही यह टाटा संस के निदेशक का है, न ही सक्रिय कंपनियों के निदेशकों का है।'
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मिस्त्री ने कहा, 'यह समूह के शेयरधारकों का है, जिसमें आप सभी शामिल हैं। मैं इसलिए आप सबसे गुजारिश करता हूं कि आप अपनी आवाज तेजी से और स्पष्टता से उठाएं। मैं आपसे भविष्य को परिभाषित करने का हिस्सा बनने की गुजारिश करता हूं।'
मिस्त्री को अक्तूबर में अचानक टाटा संस के चेयरमैन पद से बेदखल कर दिया गया था। उसके बाद से ही उनके और टाटा संस के बीच खींचतान जारी है।
HIGHLIGHTS
- ईजीएम की बैठक से पहले साइरस मिस्त्री ने केंद्र से हस्तक्षेप की अपील की
- मिस्त्री ने कहा, 'टाटा समूह किसी एक व्यक्ति का नहीं है।'
- टाटा संस ने कहा, 'मिस्त्री के बयान ने समूह का बड़ा नुकसान किया है।'
Source : News Nation Bureau