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अंबेडकर जयंती के मौके पर आज शेयर बाजार बंद रहेंगे, कमोडिटी में शाम के सत्र में कारोबार

Trading Holiday: बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में पूर्व की तरह अब गुरुवार को कारोबार होगा.

Updated on: 14 Apr 2021, 07:43 AM

highlights

  • पूर्व की तरह बाजार गुरुवार को यानि 15 अप्रैल 2021 को एक बार फिर सुचारु रूप से खुलेंगे
  • MCX, NCDEX और BSE में सुबह के सत्र में कामकाज नहीं होगा, शाम 5 बजे से कामकाज होगा

नई दिल्ली:

Trading Holiday: आज यानि मंगलवार (14 April 2021) को बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर (Dr.Baba Saheb Ambedkar Jayanti) की जयंती के मौके पर घरेलू शेयर मार्केट (Share Market) बंद रहेंगे. इसके अलावा, करेंसी, कमोडिटी (Commodiry Market) और डेरिवेटिव बाजारों में कामकाज बंद रहेगा. पूर्व की तरह बाजार (Exchange Trading Holidays 2021) गुरुवार को यानि 15 अप्रैल 2021 को एक बार फिर सुचारु रूप से खुलेंगे. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में पूर्व की तरह अब गुरुवार को कारोबार होगा. हालांकि देश का सबसे बड़ा कमोडिटी एक्सचेंज मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) और नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव एक्सचेंज (NCDEX), BSE में आज सुबह के सत्र में कामकाज नहीं होगा, लेकिन शाम 5 बजे से रात 11:30 /11:55pm कामकाज होगा.

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मंगलवार को 660.68 प्वाइंट बढ़कर बंद हुआ था सेंसेक्स 
देश के शेयर बाजार में मंगलवार को जबरदस्त रिकवरी आई. सेंसेक्स बीते सत्र से 660.68 अंकों यानी 1.38 फीसदी की तेजी के साथ 48,544.06 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी बीते सत्र से 194 अंकों यानी 1.36 फीसदी की तेजी के साथ 14,504.80 पर ठहरा. बीते सत्र में आई भारी गिरावट के बाद लिवाली बढ़ने से शेयर बाजार में रिकवरी लौटी. वहीं, विदेशी बाजारों से भी सकारात्मक संकेत मिलने से घरेलू शेयर बाजार को सपोर्ट मिला. बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स बीते सत्र से 108.15 अंकों की बढ़त के साथ 47,991.53 पर खुला और दिनभर के कारोबार के दौरान 48,627.43 तक उछला जबकि सेंसेक्स निचला स्तर 47,775.32 रहा था. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी बीते सत्र से 54.10 अंकों की बढ़त के साथ 14,364.90 पर खुला और दिनभर के कारोबार के दौरान 14,528.90 तक उछला जबकि निफ्टी निचला स्तर 14,274.90 रहा था.

जीवनभर शोषित वर्गो के अधिकारों के लिए लड़े डॉ. भीमराव अंबेडकर
भारतरत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर को दलितों का मसीहा माना जाता है, जबकि असलियत में उन्होंने जीवनभर दलितों की नहीं, बल्कि समाज के सभी शोषित वर्गो के अधिकारों की लड़ाई लड़ी. भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को मध्य प्रदेश के महू नामक एक गांव में हुआ था। इनके पिता का नाम रामजी मालोजी सकपाल था. इनके पिता ब्रिटिश भारतीय सेना में काम करते थे. ये अपने माता-पिता की 14वीं संतान थे। ये महार जाति से ताल्लुक रखते थे, जिसे हिंदू धर्म में अछूत माना जाता था. घर की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण इनका पालन-पोषण बड़ी मुश्किल से हो पाया। इन परिस्थितियों में ये तीन भाई- बलराम, आनंदराव और भीमराव तथा दो बहनें मंजुला और तुलसा ही जीवित बच सके. सभी भाई-बहनों में सिर्फ इन्हें ही उच्च शिक्षा मिल सकी. डॉ. अंबेडकर की पहली शादी नौ साल की उम्र में रमाबाई से हुई. रमाबाई की मृत्यु के बाद इन्होंने ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखने वाली सविता से विवाह कर लिया. सविता ने भी इनके साथ ही बौद्ध धर्म अपना लिया था.