Stock Market Today: घरेलू शेयर बाजार इन दिनों ऐतिहासिक गिरावट के दौर से गुजर रहा है. बाजार में हर दिन गिरावट देखने को मिल रही है. गुरुवार को भी बाजार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई. सुबह दस बजे के आसपास सेंसेक्स 430 अंक की गिरावट के साथ कारोबार करता दिखा. वहीं निफ्टी 50 में भी 100 अंक की गिरावट देखने को मिली. निफ्टी पर सबसे ज्यादा गिरने वाले शेयरों में एचडीएफसी बैंक, मारुति, आईटीसी, महिंद्रा एंड महिंद्रा और हिन्दुस्तान यूनीलीवर के स्टॉक्स शामिल हैं. वहीं टॉप गेनर्स में श्रीराम फाइनेंस, हिन्डाल्को, एनटीपीसी, बीईएल और सिप्ला के शेयर देखने को मिल रहे हैं.
कैसी रही बाजार की शुरुआत
गुरुवार को भी भारतीय बाजार गिरावट के साथ खुला. सुबह सवा नौ बजे बाजार के दोनों प्रमुख इंडेक्स लाल निशान के साथ ओपन हुए. इस दौरान सेंसेक्स 266 अंक टूटकर 75,672 अंक पर खुला. जबकि निफ्टी 50 भी गिरावट का शतक लगाकर 111 अंक गिरकर 22,821 के लेवल पर ओपन हुआ. बाजार खुलने के कुछ देर बाद ही बीएसई का सेंसेक्स 306 अंक यानी 0.40 प्रतिशत टूटकर 75,632.90 अंक पर कारोबार करता दिखा. जबकि निफ्टी50 83.45 अंक यानी 0.36 प्रतिशत की गिरावट के साथ 22,849 पर ट्रेंड करता नजर आया.
भारतीय बाजार से भंग हुआ विदेशी निवेशकों का मोह?
भारतीय बाजार में गिरावट की दो प्रमुख वजह मानी जा रही है. इनमें पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा लगातार अलग-अलग वस्तुओं पर लगाए जा रहे भारी भरकम आयात शुल्क और दूसरा विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) का भारतीय बाजार से लगातार बाहर निकलना. इससे ऐसा लगता है कि विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजार से मोह भंग हो गया है. क्योंकि पिछले कई सत्र से विदेशी निवेशक लगातार बिकवाली पर ध्यान दे रहे हैं. बुधवार, 19 फरवरी को भी एफआईएई ने शुद्ध रूप से 1,881.30 करोड़ रुपये की भारतीय इक्विटी को बेचा. हालांकि जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने कारोबारी सत्र के दौरान 1,957.74 करोड़ रुपये के शेयरों की खरीददारी भी की.
बुधवार को भी गिरावट के साथ बंद हुआ बाजार
इसके साथ ही भारतीय बाजार बुधवार को भी लाल निशान के साथ क्लोज हुआ. बाजार में दिनभर उतार-चढ़ाव देखा गया. लेकिन बंद हुए बाजार में सेंसेक्स 28.21 अंक या 0.04 प्रतिशत गिरकर 75,939.18 पर क्लोज हुआ. जबकि निफ्टी 50, 12.40 अंक यानी 0.05 प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 22,932.90 पर बंद हुआ. बता दें भारतीय बेंचमार्क इंडेक्स इसी साल में 3 प्रतिशत से ज्यादा टूट चुका है. जबकि बीते साल सितंबर के आखिर से ये अपने उच्च स्तर से 13 प्रतिशत नीचे चल रहा है. वहीं मिड-कैप इंडेक्स में 17 फीसदी और स्मॉल-कैप इंडेक्स में 21 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है.