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Stock Market Rule Change: शेयर बाजार में लगाते हैं पैसा तो हो जाएं अलर्ट, SEBI लाई नया नियम

Stock Market Rule Change: शेयर बाजार में पैसा लगाने वाले हो जाएं सावधान, SEBI ने नियमों में कर दिया बदलाव, जानें फायदा होगा या नुकसान

Updated on: 16 Jan 2024, 03:23 PM

New Delhi:

Stock Market Rule Change: आप भी शेयर बाजार का हिस्सा हैं. स्टॉक मार्केट में पैसा लगाते हैं तो बाजार की चाल के साथ-साथ आपको नियमों का भी विशेष ध्यान रखना होगा. ऐसे ही शेयर मार्केट होल्डर्स के लिए एक अहम खबर सामने आई है. दरअसल SEBI ने स्टॉक मार्केट के नियम में बदलाव किया है. इसके तहत सेबी ने रिटले इन्वेस्टर्स के साथ-साथ हर श्रेणी के निवेशक को शॉर्ट सेलिंग करने की इजाजत दे दी है. लेकिन वह Naked Short Selling नहीं कर सकेंगे. 

हिंडनबर्ग विवाद से जुड़ा है मामला
दरअसल SEBI के इस फैसले को हिंडनबर्ग विवाद से भी जोड़कर देखा जा रहा है. हालांकि इस विवाद के एक वर्ष बाद सेबी की ओर से अहम कदम उठाया गया है. इसके तहत सेबी ने नेकेल शॉर्ट सेलिंग पर रोक लगा दी है. कोई भी निवेशक आंख बंद करके पैसा नहीं लगा पाएगा. 

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क्या है SEBI का कहना
सेबी के मुताबिक, हर श्रेणी के निवेशक फ्यूचर-ऑप्शन में जितने भी स्टॉक खरीदी-बिक्री के लिए मौजूद हैं उसमें शॉर्ट सेलिंग कर सकेंगे. यही नहीं रिटेल इंवेस्टर्स को भी इसकी इजाजत दी गई है. सेबी ने हर निवेशक को सिक्योरिटीज के डिलिवरी को सेटलमेंट के बीच पूरा करना अनिवार्य है. 

फर्स्ट डे ही कर दें ऐलान
SEBI के नियम के मुताबिक जो भी इंवेस्टर फ्यूचर-ऑप्शन में ट्रेडिंग कर रहा है, उसे किसी भी स्टॉक की शॉर्ट सेलिंग के बाद पहले ही दिन डिक्लेरेशन देना होगा. इसमें बताना होगा कि उसका ट्रांजेक्शन शॉर्ट सेल है या नहीं. ये बात ऑर्डर का प्लेसमेंट करते वक्त बताना होगी. 

इसके साथ ही सेबी ने कहा है कि कोई भी संस्थागत निवेशक दिन की ट्रेडिंग नहीं कर सकेगा. ऐसे इंवेस्टर्स को ऑर्डर ट्रांजक्शन से पहले डिक्लेरेशन करना होगा. 

शॉर्ट सेलिंग क्या है? नेकेड शॉर्ट सेलिंग भी समझें
इस सेलिंग में इंवेस्टर को उन स्टॉक को बेचने की इजाजत दी जाती है जो ट्रेडिंग के वक्त मौजूद नहीं होता है. सामान्य तौर पर निवेशक सिक्योरिटी से उधार लेता है और स्टॉक सेल कर देता है. जबकि नेकेड शॉर्ट सेलिंग में ऐसा नहीं होता. इसमें ट्रेडर बिना उधार लिए ही ट्रेड करता है. ऐसे में उस ट्रेडर के पास कोई सिक्योरिटी ही नहीं होती. बावजूद इसके वो उन शेयरों को बेच देता है जो उसने खरीदे ही नहीं होते हैं.