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इंश्योरेंस सेक्टर (Insurance Sector) में 74 फीसदी FDI पर सीताराम येचुरी ने दिया ये बड़ा बयान

बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट ने इंश्योरेंस सेक्टर (Insurance Sector) में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को 74 फीसदी तक बढ़ाने के लिए बीमा अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दी थी.

Updated on: 11 Mar 2021, 03:50 PM

highlights

  • केंद्रीय कैबिनेट ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को 74 फीसदी तक बढ़ाने के लिए बीमा अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दी
  • मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) महासचिव सीताराम येचुरी ने इंश्योरेंस में एफडीआई के मुद्दे पर की तीखी आलोचना

नई दिल्ली:

केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने बीमा अधिनियम (Insurance Act) में संशोधन को मंजूरी दे दी है. बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को 74 फीसदी तक बढ़ाने के लिए बीमा अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दी थी. बता दें कि मौजूदा समय में जीवन और सामान्य बीमा (Life & General Insurance) के क्षेत्र में 49 फीसदी एफडीआई की लिमिट है. सरकार के इस फैसले के बाद अब इंश्योरेंस सेक्टर (Insurance Sector) में एफडीआई की सीमा 25 फीसदी बढ़कर 74 फीसदी हो जाएगी. मोदी सरकार के इस फैसले को विपक्षी पार्टियां खासकर कांग्रेस और वामपंथी पार्टियां काफी विरोध कर रही हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में बीमा अधिनियम 1938 में संशोधन को मंजूरी दी गई. 

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इंश्योरेंस सेक्टर पर सीताराम येचुरी का बयान

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) महासचिव सीताराम येचुरी (Sitaram Yechury) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर लिखा है कि इंश्योरेंस सेक्टर हमारी आर्थिक नींव को मजबूत करने के साथ ही पैसे को भी बढ़ाता है, लेकिन अब लोगों की गाढ़ी कमाई विदेशी कंपनियों के पास चली जाएगी जिसका इस्तेमाल वे सट्टेबाजी के जरिए मुनाफा कमाने के लिए करेंगे. उन्होंने लिखा कि यह भारत के भविष्य के लिए विनाशकारी है.

बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने तीसरी बार आम बजट (Union Budget 2021-22) पेश किया था. वित्त मंत्री ने बजट  (Budget 2021) में भारतीय बीमा कंपनियों में एफडीआई को 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी करने का प्रस्ताव दिया था. नए संशोधित कानून के तहत कंपनी के बोर्ड के अधिकांश डायरेक्टर और प्रमुख प्रबंधन का भारतीय निवासी होना अनिवार्य होगा. इसके अलावा 50 फीसदी डायरेक्टर्स को स्वतंत्र निदेशक होना होगा. बता दें कि वित्त मंत्री ने बजट भाषण के दौरान प्रस्ताव में कहा था कि निवेशक सुरक्षा के लिए समस्त वित्तीय उत्पादों के सभी वित्तीय निवेशकों के अधिकार के रूप में एक निवेशक चार्टर भी पेश किया जाएगा. 

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गौरतलब है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने 2015 में बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा को 26 फीसदी से बढ़ाकर 49 फीसदी किया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार द्वारा इंश्‍योरेंस सेक्‍टर में एफडीआई बढ़ाने मकसद विदेशी कंपनियों को इस सेक्टर में निवेश को आकर्षित करना है. जानकारों का कहना है कि इंश्योरेंस में एफडीआई की सीमा बढ़ाने से इस सेक्टर में पूंजी का प्रवाह बढ़ने के साथ ही कंपनियों के विस्तार से नौकरियों के अवसर भी उत्पन्न होंगे.