logo-image

Share Market News: पूरे सप्ताह गुलजार रहा शेयर बाजार, 4 फीसदी चढ़े सेंसेक्स, निफ्टी

Share Market News: सप्ताह के आखिर में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के नतीजे को भी बाजार ने गर्मजोशी के साथ स्वीकार किया और उसपर सकारात्मक प्रतिक्रिया.

Updated on: 10 Oct 2020, 12:03 PM

मुंबई :

Indian Stock Market: देश का शेयर बाजार मजबूत वैश्विक संकेतों और उत्साहवर्धक घरेलू कारकों से पूरे सप्ताह गुलजार रहा. प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में बीते सप्ताह के मुकाबले चार फीसदी से ज्यादा की उछाल रही. सप्ताह के आखिर में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के नतीजे को भी बाजार ने गर्मजोशी के साथ स्वीकार किया और उसपर सकारात्मक प्रतिक्रिया. वहीं, सप्ताह के दौरान देसी कंपनियों द्वारा जारी दूसरी तिमाही के वित्तीय नतीजों से भी घरेलू शेयर बाजार को सपोर्ट मिला. भारतीय शेयर बाजार लगातार दूसरे सप्ताह बढ़त के साथ बंद हुआ। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के 30 शेयरों पर आधारित प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स शुक्रवार को पिछले सप्ताह के मुकाबले 1,812.44 अंकों यानी 4.68 फीसदी की मजबूत तेजी के साथ 40,509.49 पर बंद हुआ.

यह भी पढ़ें: सरकार का 2 करोड़ रुपये तक के छोटे कर्ज पर चक्रवृद्धि ब्याज नहीं लेने का फैसला

वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के 50 शेयरों पर आधारित प्रमुख संवेदी सूचकांक निफ्टी बीते की क्लोजिंग के मुकाबले इस सप्ताह के आखिरी सत्र में 497.25 अंकों यानी 4.36 फीसदी की उछाल के साथ 11,914.20 पर बंद हुआ. हालांकि, बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में साप्ताहिक आधार पर मामूली गिरावट दर्ज की गई. मिडकैप सूचकांक पिछले सप्ताह से 47.7 अंकों यानी 0.32 फीसदी की कमजोरी के साथ 14,765.55 पर बंद हुआ जबकि स्मॉलकैप सूचकांक 4.23 फीसदी फिसलकर 14,966.21 पर ठहरा. सप्ताह की शुरुआत सोमवार को तेजी के साथ हुई और मजबूत करोबारी रुझान के बीच सेंसेक्स पिछले सत्र से करीब 276.65 अंक यानी 0.71 फीसदी की बढ़त के साथ 38,973.70 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी बीते सत्र से 86.40 अंकों यानी 0.76 फीसदी की तेजी के साथ 11,503.35 पर ठहरा.

यह भी पढ़ें: RBI ने ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया, सस्ती EMI की उम्मीदों को लगा झटका

अगले दिन मंगलवार को शेयर बाजार की रौनक और बढ़ गई और जोरदार लिवाली आने से सेंसेक्स 600.57 अंकों यानी 1.54 फीसदी की उछाल के साथ 39,574.57 पर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी 159.05 अंकों यानी 1.38 फीसदी की जबरदस्त तेजी के साथ 11,662.40 पर बंद हुआ। सप्ताह के तीसरे सत्र में बुधवार को सेंसेक्स पिछले सत्र से 304.38 अंकों यानी 0.77 फीसदी की तेजी के साथ 39,878.95 पर बंद हुआ और निफ्टी 76.45 अंकों यानी 0.66 फीसदी की तेजी के साथ 11,738.85 पर ठहरा. सप्ताह के चौथे सत्र में गुरुवार को सेंसेक्स पिछले सत्र से 303.72 अंकों यानी 0.76 फीसदी की तेजी के साथ 40,182.67 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 95.75 अंकों यानी 0.82 फीसदी की तेजी के साथ 11,834.60 पर बंद हुआ.

यह भी पढ़ें: अगर आप GST रिटर्न फाइल करने जा रहे हैं तो यह खबर एक बार जरूर पढ़ लीजिए

रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में कोई भी बदलाव नहीं किया
शेयर बाजार में तेजी का यह सिलसिला सप्ताह के आखिरी सत्र में शुक्रवार को भी जारी रहा और सेंसेक्स पिछले सत्र से 326.82 अंकों यानी 0.81 की बढ़त के साथ 40,509.49 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी बीते सत्र से 79.60 अंकों यानी 0.67 फीसदी की तेजी के साथ 11,914.20 पर ठहरा। घरेलू शेयर बाजार लगातार सातवें सत्र में बढ़त के साथ बंद हुआ. आरबीआई ने समायोजी रुख को बरकरार रखते हुए प्रमुख ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया है. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि एमपीसी ने प्रमुख ब्याज दर (रेपो रेट) चार फीसदी को बरकरार रखने का फैसला लिया है और रिवर्स रेपो रेट को भी 3.35 फीसदी पर स्थिर रखा गया है। साथ ही, मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) रेट और बैंक रेट 4.25 फीसदी रखा गया है.

यह भी पढ़ें: Sovereign Gold Bond Scheme: 12 अक्टूबर से फिर आ रहा है सस्ते में सोना खरीदने का सुनहरा मौका

चालू वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में पॉजिटिव ग्रोथ का अनुमान
उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के कई क्षेत्रों में सुधार के संकेत मिल रहे हैं और चालू वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में पॉजिटिव ग्रोथ देखने को मिल सकती है, जिससे बाजार उत्साहित हुआ. इसके अलावा केंद्रीय बैंक ने अर्थव्यवस्था में तरलता बढ़ाने को लेकर जो उपायों की घोषणा की वह बाजार के लिए ज्यादा उत्साहवर्धक रहा। आरबीआई ने कहा कि वह ओपन मार्केट ऑपरेशंस यानी ओएमओ के जरिए सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद करेगा। इस माध्यम से केंद्रीय बैंक का लक्ष्य अर्थव्यवस्था में 20,000 करोड़ रुपये की तरलता डालना है. साथ ही, आरबीआई ने एक लाख करोड़ रुपये की लांग टर्म रेपो ऑपरेशंस यानी टीएलआरओ का भी एलान किया.