कोरोना वैक्सीन से सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक की होगी मोटी कमाई, पढ़ें पूरी खबर
देश में वैक्सीन उपलब्ध करा रही भारत बायोटेक (Bharat Biotech) और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute Of India) को वैक्सीन से अच्छी खासी कमाई होने वाली है.
highlights
- भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट का वैल्यू मार्केट में 67 फीसदी से ज्यादा पर कब्जा: इन्वेस्टेक
- भविष्य में वैक्सीन की मांग में बढ़ोतरी होने से इन कंपनियों को ज्यादा फायदा होने की संभावना
नई दिल्ली:
एक ओर जहां देशभर में लोगों को कोरोना वैक्सीन की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है, तो वहीं दूसरी ओर कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) बनाने वाली कंपनियों की चांदी है. दरअसल, देश में वैक्सीन उपलब्ध करा रही भारत बायोटेक (Bharat Biotech) और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute Of India) को वैक्सीन से अच्छी खासी कमाई होने वाली है. बता दें कि सीरम इंस्टीट्यूट कोविशील्ड (Covishield) और भारत बायोटेक कोवैक्सीन (Covaxin) का उत्पादन कर रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन दोनों ही कंपनियों ने तकरीबन 15 हजार करोड़ रुपये की मुनाफे का रास्ता तैयार कर लिया है.
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18 करोड़ से ज्यादा दिए जा चुके हैं डोज
भारत में अभी तक 18,70,09,792 वैक्सीन की डोज लग चुकी है. बुधवार को देशभर में वैक्सीन की 11,66,090 डोज लगाई गई थी. गौरतलब है कि मौजूदा समय में देश में कोरोना की तीन वैक्सीन भारत बायोटेक की कोवैक्सीन, सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और रूस की स्पुतनिक वी (Sputnik V) की खुराक लोगों को दी जा रही हैं. बता दें कि मौजूदा समय में सीरम इंस्टीट्यूट कोविशील्ड को केंद्र को 150 रुपये प्रति खुराक, राज्य सरकारों को 300 रुपये और प्राइवेट अस्पतालों को 600 रुपये में बिक्री कर रहा है. दूसरी ओर हैदाराबाद की कंपनी भारत बायोटेक कोवैक्सीन को राज्यों को 400 रुपये, केंद्र सरकार को 150 रुपये और प्राइवेट अस्पतालों को 1200 रुपये प्रति खुराक में बेच रही है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन्वेस्टेक (Investec) की रिपोर्ट के अनुसार भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट का वैल्यू मार्केट में 67 फीसदी से ज्यादा पर कब्जा है. इस हिस्सेदारी में सीरम इंस्टीट्यूट का हिस्सा 43 फीसदी और भारत बायोटेक का हिस्सा 24 फीसदी है. वैल्यू टर्म की बात करें तो दोनों का 73 फीसदी पर कब्जा है. रूस की वैक्सीन स्पुतनिक वी का वैक्सीन बाजार में 14 फीसदी हिस्सा है. भविष्य में वैक्सीन की मांग में बढ़ोतरी होने से इन कंपनियों को ज्यादा फायदा होने की संभावना है.
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