नैशनल स्टील पॉलिसी और बैंकों के बढ़ते एनपीए से निपटने के लिए अध्यादेश को मोदी मंत्रिमंडल की मंजूरी दिए जाने के फैसलों से शेयर बाजार रिकॉर्ड हाई लेवल को छूने में सफल रहा।
विदेशी कारणों में अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरफ से दो दिनों की बैठक के दौरान ब्याज दरों में किसी तरह का बदलाव नहीं किए जाने से भी भारतीय शेयर बाजार को उछाल मिला। हालांकि बाजार की तेजी के लिए घरेलू नीतियां विशेषकर एनपीए संबंधी अध्यादेश को मंजूरी दिया जाना रहा।
गुरुवार को सेंसेक्स 231.41 अंकों की जबरदस्त उछाल के साथ 30,126.21 पर बंद हुआ जो अब तक का रिकॉर्ड हाई है। वहीं नैशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 0.51 फीसदी की मजबूती के साथ 47.95 अंक उछलकर 9359.90 पर बंद हुआ। निफ्टी में 26 शेयर हरे निशान में जबकि 24 शेयर लाल निशान में बंद हुए।
बैंकिंग शेयरों में जबरदस्त तेजी
सेंसेक्स में आई तेजी की वजह बैंकिंग शेयरों में हुई जबरदस्त खरीदारी रही। सेंसेक्स में सबसे अधिक मजबूती के साथ बंद होने वाले शेयरों में बैंकिंग शेयर रहे।
एनपीए से संबंधित अध्यादेश को मंजूरी दिए जाने के बाद आईसीआईसीआई बैंक (9.24 फीसदी), यूनियन बैंक (6.44 फीसदी), कैनरा बैंक (5.78 फीसदी), बैंक ऑफ इंडिया (4.09 फीसदी), एक्सिस बैंक (3.63 फीसदी), एसबीआई (3.27 फीसदी), बैंक ऑफ बड़ौदा (3.19 फीसदी), पीएनबी (2.98 फीसदी) और आईडीबीआई (2.53 फीसदी) में निवेशकों ने जमकर खरीदारी की।
बीएसई का बैंकिंग इंडेक्स 2.32 फीसदी की उछाल के साथ 584.87 अंक पर बंद हुआ।
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देश के बैंकों के लिए बढ़ता एनपीए बड़ी चिंता का कारण रहा है और अब मोदी सरकार ने जिस अध्यादेश को मंजूरी दी है, वह भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को एनपीए की समस्या से निपटने की ताकत देगा। अध्यादेश की मंजूरी के बाद आरबीआई बैंकों को डिफॉल्टर्स के साथ बैठने और उसके निपटान का आदेश दे सकता है।
देश के बैंकों का 9.64 लाख करोड़ रुपया एनपीए की शक्ल ले चुका है, जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का कर्ज 6 लाख करोड़ रुपये है।
सरकार ने हालांकि अभी तक अध्यादेश में उठाए गए उपायों की जानकारी नहीं दी है लेकिन माना जा रहा है अब आरबीआई के डिफॉल्टर्स से निपटने की शक्ति होगी। बैंकिंग सेक्टर के लिए यह दूसरा बड़ा सुधार है, जिसे मोदी सरकार ने मंजूरी दी है।
इससे पहले वह भारतीय स्टेट बैंक के साथ पांच सहयोगी बैंको, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर और स्टेट बैंक ऑफ पटियाला के विलय की मंजूरी दे चुकी है। एसबीआई में भारतीय महिला बैंक के विलय का भी फैसला लिया जा चुका है।
नैशनल स्टील पॉलिसी से उछला बाजार
एनपीए से निपटने के अलावा मोदी सरकार ने राष्ट्रीय स्टील नीति 2017 को भी मंजूरी दी है। नई नीति से मोदी सरकार के मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट को मजबूती मिलेगी।
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स्टील सेगमेंट में सुधार संबंधी नीति को मंजूर किए जाने के बाद जिंदल स्टील, टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील, सेल और कोल इंडिया के शेयरों में तेजी रही।
सरकार की योजना स्टील सेक्टर में 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश की मदद से लक्ष्य घरेलू कोकिंग कोयले की आपूर्ति बढ़ाकर आयात को घटाकर आधा करना और 2030-31 तक स्टील के उत्पादन को 30 करोड़ टन करना है।
इसके साथ ही सरकारी प्रोजेक्ट्स में घरेलू स्तर पर निर्मित स्टील के इस्तेमाल को अनिवार्य कर दिया गया है, जो देश के भीतर इंफ्रा डिवेलपमेंट को तेज करने में मदद देगा।
भारतीय शेयर बाजार के लिए मजबूत आर्थिक वृद्धि दर सबसे बड़ा फैक्टर रहा है।
विदेशी निवेशकों ने भारत की वृद्धि दर भरोसा जताते हुए निवेश का फैसला लिया है, जिसे घरेलू सुधारों के फैसलों ने मजबूती दी है। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में 2017 में भारत की वृद्धि दर 7.1 फीसदी जबकि 2018 में 7.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार इंफ्रा पर खर्च में बढोतरी से आर्थिक वृद्धि दर को बल मिलेगा। इस दिशा में सरकार की नैशनल स्टील पॉलिसी सबसे बड़ा कारक साबित होगी।
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HIGHLIGHTS
- सुधारों से उछला बाजार, एनपीए अध्यादेश और नैशनल स्टील पॉलिसी से रिकॉर्ड हाई पर सेंसेक्स और निफ्टी
- गुरुवार को सेंसेक्स 231.41 अंकों की जबरदस्त उछाल के साथ 30,126.21 पर बंद हुआ जो अब तक का रिकॉर्ड हाई है
- वहीं नैशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 0.51 फीसदी की मजबूती के साथ 47.95 अंक उछलकर 9359.90 पर बंद हुआ
Source : Abhishek Parashar